NASA को सता रही सुनीता के स्वास्थ्य की चिंता
Spacecraft की वापसी से ज्यादा चिंता अंतरिक्षयात्रियों की हेल्थ की
नासा इस बात से तो परेशान है कि सिर्फ आठ दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजी गईं सुनीता विलियम्स और उनके साथी को महीना भर होने आ गया कि वे अंतरिक्ष में ही अटके हुए हैं. मामूली से हीलियम लीकेज की वजह से दोनों अंतरिक्ष यात्री 25 मई को निकले थे और 6 जून को स्पेस स्टेशन से डॉक हो गए थे. नासा उनकी वापसी की हर संभावना पर काम कर रहा है और यह भी देख रहा है कि क्या इसके लिए एलन मस्क की कंपनी की कोई मदद ली जा सकती है लेकिन नासा की ज्यादा बड़ी चंता यह है कि दोनों अंतरिक्षयात्रियों का स्वास्थ्य कैसे ठीक बनाए रखा जाए. दरअसल अंतरिक्ष में मानव शरीर पर कई दबाव एक साथ काम कर रहे होते हैं और गुरुत्वाकर्षण के अभाव में शरीर की प्रक्रिया पर काफी असर होता है. डॉक्टर्स तो मानते हैं कि अंतरिक्ष में शारीरिक ही नहीं मानसिक तौर पर भी काफी बदलाव का सामना करना पउ़ता है और ऐसे में यदि कोई इतने लंबे समय तक वहां अटक जाए तो उसके लिए माानसिक तौर पर भी समस्याएं खड़ी हो सकती हैं. डॉक्टरों का मानना है कि अंतरिक्ष में हमारे शरीर में फ्लूड इंबैलेंस की संभावना बहुत ज्यादा होती है क्योंकि पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण के चलते हमारे शरीर का द्रव समान मात्रा में सही तरीके से बहता रहता है लेकिन वहां फ्लूड ओवरलोड से लेकर डीहाइड्रेशन जैसी समस्याएं सामने आ सकती हैं. इसके शरीर पर लंबे समय तक प्रभाव बने रह सकते हैं, यहां तक कि पृथ्वी पर लौट आने के बाद भी. अंतरिक्ष में गुरुत्व न होने के चलते हमारा हडि्डयों और मांसपेशियों का ढांचा भी गड़बड़ा जाता है और इसके चलते हडि्डयों का कैल्शियम बिखरने लगता है, इसका असर किडनी में स्टोन से लेकर लंबे समय के लिए शरीर की बनावट में दिक्कत तक से हो सकता है. चूंकि अंतरिक्ष यात्री बहुत ज्यादा रेडिएशन के बीच होते हैं इसलिए इसके नुकसान का भी लंबे समय तक प्रभाव बना रह सकता है और इसमें कैंसर जैसे खतरे भी शामिल हैं. अंतरिक्षयात्री इनफेक्शन के भी सहज शिकार होते जाते हैं क्योंकि अंतरिक्ष में उनका इम्यून सिस्टम लजगातार कमजोर होता जाता है.