April 19, 2025
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Rivers देश की 279 नदियां बुरी तरह प्रदूषित

मध्यप्रदेश की 19 नदियों का पानी खराब श्रेणी में
प्रदेश की प्रमुख नदियों में प्रदूषण इस हद तक बढ़ रहा है कि इनके अस्तित्व का संकट आ खड़ा हुआ है. इनमें मिलते गंदे नाले ऑक्सीजन कम कर रहे हैं जिसका असर जलीय जीव जंतुओं पर पड़ रहा है. नर्मदा तक देश की बड़ी नदियों में प्रदूषण के मामले में ये 6वें नबंर पर पहुंच चुकी है जबकि यह प्रदेश की सबसे बड़ी और जीवनदायिनी नदी है. नदियों का मायका कहे जाने वाले मध्यप्रदेश में 200 से ज्यादा छोटी बड़ी नदियां रही हैं और कई नदियों का उद्गम भी यहां है. अब 40 से ज्यादा नदियों के तो अस्तित्व पर ही खतरा है और 20 नदियों का पानी उस स्तर पर है कि आप इसे मुंह में नहीं ले सकते, 19 नदियों के तो पानी की हालत बहुत खाराब है. क्षिप्रा नदी भी इनमें से एक है. नेशनल वॉटर क्वालिटी मॉनिटरिंग प्रोग्राम में नदियों के पानी को जांचा जाता है और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इनकी जल गुणवत्ता का विश्लेषण करता है. पिछले साल की एक रिपोर्ट कहती है कि देश की 603 नदियों में से 279 नदियां प्रदूषित हैं. इन 279 नदियों के 817 स्थानों पर बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) का स्तर 3 मिलीग्राम प्रतिलीटर से ज्यादा मिला. हालांकि 2018 की तुलना में प्रदूषण में सुधार हुआ है लेकिन यह अपेक्षित मात्रा में नहीं है और नदियों का संकट दूर होना इस दर से तो संभव नहीं है . 2018 में 323 नदियां प्रदूषित श्रेणी में थीं.