Pakistan Occupied Kashmir क्यों नही रहना चाहता पाक के साथ
पीओके का भारत की तरफ बढ़ रहा झुकाव
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में विद्रोह सुलग रहा है और पिछले दिनों तो वो फूट ही पड़ा, इस हद तक कि हालात बेकाबू ही हो गए. पाकिस्तानी सेना हस्तक्षेप से बच रही है. पूरे क्षेत्र में मोबाइल-इंटरनेट सेवाएं बंद करने के बावजूद प्रदर्शन नहीं रुके. सेना और पुलिस वालों की पिटाई के वीडियो दृश्य वायरल हुए और महंगाई, बिजली और आटे का यह आंदोलन पुलिस अधिकारी की हत्यातक पहुंच गया. पीओके के 10 जिलों में से पहली चिंगारी भींबर में भड़की और सभी जिलों में फैली. आंदोलनकारी कहते हैं कि वे पाकिस्तान की भ्रष्ट शासन-प्रणाली से तंग हैं और पाक
के साथ रहना नहीं चाहते हैं. दूसरे शब्दों में मांग आजलादी की है. शहबाज सरकार ने ताबड़तोड़ 23 अरब का बजट यहां के लिए किया बाकी मांगें अब भी कायम हैं और प्रदर्शन जारी हैं. ।
ऐसे समय में भारतीय विदेश मंत्री यदि कहते हैं कि एक दिन हम पीओके से अवैध कब्जा खत्म करेंगे तो इसके निहितार्थ समझे जा सकते हैं.
मांग यह भी है कि पीओके के 53 मंत्रियों और अफसरों को मिलने वाली बिलासी सुविधाएं बंद हों और बिजली के दाम सही किए जाएं, आटे की रियायत जारी रखी जाए और ऐसी 33 वस्तुएं रियायत पर देना जारी रखा जाए. घबराई सरकार बाकी सब के लिए हां कह भी सकती है लेकिन आजादी की मांग का उसके पास कोई जवाब नहीं है. पीओके में पाक से अलगाव का संकट
इतना है कि समझौते की राहें बंद नजर आ रही हैं. भारत के रक्षामंत्री भी पीओके के संदर्भ में कह चुके हैं कि सब्र का फल मीठा होता है, इससे पता चलता है कि भारत की कोई ऐसी रणनीति है, जो पीओके के विलय की दिशा में है. पाकिस्तान सरकार धन के लालच में चीन के जाल में जिस तरह फंस रही है उसका भी सीधा असर बलूचों पर पड़ रहा है और यही हाल पूरे पीओके का भी है. इससे फैले असंतोष में अब पीओके में आतंकी इतने मजबूत हैं कि पाक का ईरान और अफगानिस्तान से भी संबंध रखना मुश्किल हो रहा है.
इस क्षेत्र में चीन ने बड़े निवेश से ग्वादर बंदरगाह बनाया और ‘चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक काॅरिडोर‘ गिलगिट-बाल्टिस्तान से ही गुजर रहा है. इसे लेकर भी असंतोष है, भारत भी इस परियोजना का लगातार विरोध कर रहा है. इस तरह इस क्षेत्र के लोग भारत के करीब खुद को ज्यादा पाते हैं जबकि पाकिस्तान की चीनपरस्ती से परेशान हैं और यह भी एक बड़ी वजह होगी कि पीओके की पाकिस्तान के साथ लंबे समय तक रहने की संभावना कम होती है.