Planet Versus Plastic पर हुई व्यापक चर्चा
पर्यावरण परिसंवाद सप्ताह के तीसरे दिन जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर होने वाली परिचर्चा का विषय “प्रदूषण से धरती को सबसे ज्यादा खतरा है” रखा गया, इस विषय पर आईआईटी इंदौर की संयोंजक डॉ. अंजलि सुहास जोशी, स्टाफ और स्टूडेंट से डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने संवाद किया. मिट्टी ,पानी और जैव विविधता के संरक्षण और सिंगल यूज प्लास्टिक व डिस्पोजेबल निषेध की बात पर लंबी चर्चा हुई.
ट्रस्टी वीरेंदर गोयल ने बताया कि डिस्पोजल की पद्धति को बंद ही होना चाहिए.
आई आई टी इंदौर 2014 बैच के पास आउट छात्र रोहित अग्रवाल और ज्वलंत शाह ने बताया की किस प्रकार सेंटर पर पर्यावरण परिसंवाद के दौरान वर्कशॉप अटेंड करने के बाद उन्हें जीरो वेस्ट स्टार्टअप का आईडिया अपनाया और उन्होंने 8 साल पहले स्वाहा कंपनी की शुरुआत की. अमरनाथ यात्रा में सोलर कुकिंग लंगर लगाया, वहां से प्लास्टिक वेस्ट को नीचे लाकर रीसायकल किया आज स्वाहा पूरे देश में पोर्टब्लेयर से लेकर नार्थईस्ट तक अपनी सेवा दे रही हैं. 2024 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान वाटर एटीएम (प्याऊ) सुविधा प्रदान करेंगे.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजीव संगल ने कहा कि तापमान बढ़ने का सबसे बड़ा कारण, प्रदूषण है इसके लिए मनुष्य और तकनीकी दोनों सामूहिक रूप से दोषी हैं. पानी के स्त्रोतों को हमने गन्दा कर दिया है बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए. व्यक्ति असीम सम्भावनाओं के साथ आया है जिस दिन हम समझ जायेंगे उस दिन हम सब कुछ ठीक कर सकते है.तकनीक, अर्थव्यवस्था, मन का भाव और पर्यावरण को जोड़ कर नई राहें बनानी होंगी. स्नायुरोग विशेषग्य डॉक्टर अपूर्व पौराणिक ने बताया की मेडिकल साइंस ने प्रमाणित कर दिया कि बहुत मरीजों की सर्जरी करने के बाद उनके गले के पास से मिक्रोप्लासट निकले है इस तरह भी प्लास्टिक जान लेवा है. कार्यक्रम में एनर्जी वैज्ञानिक प्रो रामेश्वर साहनी, आयुर्वेदिक विशेषज्ञ शेफाली, मॉस्टर ऑफ़ सोशल वर्क से इंटर्न निलेश चौहान, पूजा अहिरवार, बीए इकोनॉमिक्स के इंटर्न सिद्धार्थ लोधी उपस्थित थे. सुरेशचंद्र ठाकुर ने आभार प्रकट किया!