Paris Olympic सौ साल बाद फ्रांस में फिर खेल महाकुंभ
सौ साल से ही सीन नदी पर तैराकी पर प्रतिबंध भी था
सौ साल बाद फ्रांस में आयोजित हो रहे ओलिंपिक का उद्घाटन समारोह जब सीन नदी पर हुआ तो कई नई बातें भी हुईं. जैसे पहली बार शरणार्थियों की टीम ने एक देश की तरह अपना प्रतिनिधित्व पेश किया, पहली बार किसी ट्रांसजेंडर ने मशाल को लाकर एलजीबीटी समुदाय को प्रतिनिधित्व दिया, फ्रांस तीसरे ओलिंपिक का आयोजन करने वाला देश बना, अमेरिका इस सूची में चार बार आयोजन कर पहले नंबर पर है जबकि यूके ने और फ्रांस अब तीन तीन बार आयोजन करने की बराबरी पर आ चुके हैं.
पहली बार ओलिंपिक का उ्दघाटन समारोह किसी स्टेडियम में न होकर एक नदी पर हुआ, 33वें समर ओलिंपिक से पहले पेरिस 1900 और 1924 में इनकी मेजबानी कर चुका है यानी फ्रांस में इनका आयोजन पूरे सौ साल बाद हुआ है. प्लेयर्स परेड स्पेशल बोट्स पर निकली जो 6 किलोमीटर लंबी थी.इस आयोजन में रिफ्यूजी टीम को भी एक देश मान लें तो 206 देश शिरकत कर रहे हैं हालांकि चार देश ऐसे भी हैं जिनके ओलिंपिक दल में सिर्फ एक एक खिलाड़ी आया है. परेड की शुरुआत ग्रीस की टीम ने की जो इन खेलों का जन्मदाता है वहीं दूसरे नंबर पर रिफ्यूजी टीम को रखा गया.तीसरे नंबर पर अफगानिस्तान की टीम सफेद बोट पर सवार हुई. कार्यक्रम के लेडी गागा से लेकर जेम्स लेब्रॉन और फ्रेंच प्रेसिडेंट से लेकर स्नूप डॉग तक साक्षी बने.