Nikkey Sureka देसी गायों के प्रति समर्पण की मिसाल
देसी गायों के प्रति सम्मान और उनके लिए जागरूकता बढ़ाने को समझना है तो शहर को छूते हुए गांव सनावदिया चलिए.
यूएसए में ऐसी नौकरी जो आज की पीढ़ी के लिए सपना होती है, उसे छोड़ कर आए युवा से मिलिए. नाम है निक्की सुरेका. देसी गायों और a2 दूध के प्रति इतने समर्पित कि न जाने कितनी जानकारियां, शोध और संदर्भ बात करते हुए ही गिना डालते हैं. दो गीर गाय से शुरू हुआ सिलसिला अब 200 गायों के आंकड़े से परे जा चुका है और छोटे छोटे बछड़े तो बेहिसाब. सुबह से रात तक इन्हीं की सेवा करते देख दूसरों के मन में भी गायों के प्रति श्रद्धा उपजती है. जब बार बार पूछा जाने लगा कि हम इसे कैसे आगे बढ़ाएं तो निक्की सुरेका ने अद्भुत आइडिया निकाला कि आप जन्मदिन या शादी की सालगिरह जैसे विशेष मौके पर यहां आएं और अपने मेहमानों को भी यहीं बुलाएं. गायों को प्रिय लगने वाले फल और अन्य खाद्य परोसें लेकिन एक शर्त होगी कि गाय स्वतंत्र 56 भोग लगाएंगी और आप उन्हें निहारना चाहें तो आप एक बाड़े में होंगे. लोगों को बात में दम लगा और अब ऐसे आयोजन बढ़ते जा रहे हैं जब किसी खास दिन कोई परिवार तय करता है कि उनके सभी प्रियजन गौशाला पर एकत्र होंगे और फिर वे बनते हैं खास पलों के साक्षी, जिसमें चारों तरफ गाय होती हैं, उनके पसंदीदा फल, अनाज और चारे का भोग लगती हुई.
हम जब पहुंचे तो वह गोधूलि वेला थी और सच में यहां गौ के चरणों से उड़ती धूलि यानी धूल कमाल का नजारा पेश करती हैं. जिस परिवार ने यहां आज सभी प्रियजनों को बुलाया था वह अवसर परिवार के मुखिया दंपत्ति की शादी की सालगिरह का था और छोटे से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए यह अनुभव खास ही रहा होगा, यह बात बिना झिझक कही जा सकती है. निक्की भाई के साथ गोविंद माहेश्वरी और उनकी टीम इस सेवा कार्य में पूरे समय लगी रहती है और जो समय बच जाए उसमें कच्ची घानी तेल, मधुमक्खी पालन और ऑर्गेनिक खेती पर न सिर्फ खुद ध्यान देते हैं बल्कि लोगों को भी जागरूक करते हैं. आप इस गौशाला में पहुंचें तो दो चीज आपको जरूर लुभाएंगी, गीर गायों की बड़ी संख्या और उनकी सेवा से तृप्त निक्की भाई की सौम्य हंसी..