NHAI को हाइकोर्ट ने कहा खराब सड़क पर टोल अस्सी प्रतिशत घटाएं
आदेश- नियम के अनुसार साठ किलोमीटर के दायरे में दूसरा टोल प्लाजा नहीं हो
यूं तो मामला जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख हाईकोर्ट के एक आदेश का है और वह भी एक व्यक्ति की याचिका पर दिए गए निर्णय का है लेकिन इस निर्णय को एक बड़ा निर्णय इसलिए माना जा रहा है क्योंकि इससे देशभर में परेशान लोगों को एक दिशा तो मिल ही गई है. दरअसल एक याचिकाकर्ता ने जनहित याचिका लगाते हुए कहा था कि सड़कों की हालत खराब होने के बावजूद टोल टैक्स वसूलना अनुचित है. अदालत ने बात से सहमति जताते हुए पठानकोट से जम्मू (उधमपुर) तक जाने वाले NH-44 के दो टोल प्लाजा पर लिया जा रहा टोल टैक्स अस्सी प्रतिशत घटा देने का निर्णय सुना दिया. अदालत ने कहा कि टोल अच्छी सड़क के लिए ही हो सकता है.
निर्णय में कहा गया कि निर्माण या सुधार के चलते सड़क खराब है तो एनएचएआई को यात्रियों से टोल टैक्स नहीं वसूलना चाहिए. सुगंधा साहनी नाम की याचिकाकर्ता ने एनएच-44 के बड़े हिस्से के दिसंबर 2021 से निर्माणाधीन होने के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण एवं संग्रह) नियम 2008 के विपरीत टोल वसूले जाने पर आपत्ति जताई थी. खराब सड़क के चलते अधिक समय, अधिक ईंधन और मेंटेनेंस के खर्च गिनाते हुए उन्होंने बताया कि कई जगहों पर चार लेन वाली सड़क सिंगल लेन ही बची है. यानी जिस बात के लिए टोल लिया जा रहा है उनमें से कोई सुविधा नहीं दी जा रही है. अदालत ने खराब सड़क और ऊपर से भारी टैक्स वसूले जाने को जिस तरह इस निर्णय में गलत बताया है उससे साफ है कि आने वाले दिनों में इस तरह की याचिकाएं देश भर में देखी जाएंगी क्योंकि देशभर में भारी टोल के बावजूद सड़कों पर ध्यान देने के मामलों में लापरवाही आम बात है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि 60 किलोमीटर से पहले कोई टोल नहीं होना चाहिए. अगर ऐसा है तो उसे हटाया जाए.