Natural Colours बनाने के प्रशिक्षण सप्ताह का समापन
पिछले एक सप्ताह से जिम्मी मगिलिगन सेंटर सनावदिया पर प्राकृतिक रंग बनाने के प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन प्रो आर एल साहनी पूर्व निदेशक स्कूल ऑफ़ एनर्जी व एनवायरनमेंट साइंसेस , देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ. विशिष्ट अतिथि प्रो जयश्री सिक्का और श्रीमती निशा संगल थे. अंतिम सत्र में केंद्रीय विद्यालय और आईआईटी इंदौर के छात्र फूलों से प्राकृतिक रंग बनाना सीखने आए. निशा संगल ने बताया कि बाजार में सस्ते रासायनिक रंगों में कई हानिकारक पदार्थ होते हैं जो त्वचा और बालों को नुक़सान पहुंचाते हैं. जबकि पेड़ पौधों से हम प्राकृतिक रंग आसानी से बना सकते हैं. प्रोफेसर जयश्री सिक्का ने कहा वसंत में प्रकृति के रंगों की बहार फागुन में तो पूरे शबाब पर होती है. इन्हीं रंग बिरंगे फूल और पत्तियों से बने प्राकृतिक रंगों से हम सुरक्षित और सुगंधित होली मना सकते हैं. प्रोफेसर आर एल साहनी ने कहा कि प्रकृति के सभी रंगो का मुख्य स्त्रोत सूर्य है, सूर्य किरणों से मिले इंद्रधनुषी सात मुख्य रंगों की किरणें वायुमंडल में प्रवेश के बाद वायु के कणों से लगातार परावर्तित होती है. सभी फूल या पत्तियों से जिस रंग की किरणें अधिक परावर्तित होती है उसका वही रंग हम देख पाते हैं.
केंद्रीय विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती नीलम मालवीय ने कहा कि छात्रों को इससे काफी प्रेरणा मिली.