Myanmar और थाईलैंड में भूकंप से भारी तबाही
मरने वालों की संख्या एक हजार के पार पहुंची, अनुमान दस हजार से भी ज्यादा के मरने का
म्यांमार में शुक्रवार को एक के बाद एक भूकंप के कई झटके आए इनमें सुबह बारह बजे के आसपास आया भूकंप सबसे ज्यादा तीव्रता वाला था जो रिक्टर स्केल पर 7.7 तीव्रता के साथ आया था. दिन भर में छह बार बड़े झटकों के चलते यहां कम से कम एक हजार लोग मारे गए हैं जबकि घायलों की संखया तीन गुना ज्यादा है. इन झटकों का असर म्यांमार के बाद सबसे ज्यादा थाईलैंड में हुआ है, इसके अलावा भारत, बांग्लादेश और चीन में भी इसका असर महसूस किया गया. थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में बन रही 30 मंजिला इमारत गिरने के बाद कई लोगों का मलबे में पता ही नहीं चल सका है. थाईलैंड में इमरजेंसी लगा दी गई है. वैसे अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे ने इस भूकंप को रेड कैटेगरी में रखा है जिसका मतलब है कि इसमें हुई मौतें 10 हजार से 1 लाख के बीच तक हो सकती हैं. भारत के पूर्वी इलाकों और बांग्लादेश में भी सात से ज्यादा की तीव्रता के झटके महसूस किए गए. सबसे तेज झटके के बाद ऑफ्टरशॉक ने भी लोगों को दहला दिया.
म्यांमार का ऐतिहासिक शाही महल भी इस भूकंप से बच नहीं सका है और इसका बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है. म्यांमार सरकार ने घायलों के लिए ब्लड बैंक में खून की कमी की बात मानी है, वहीं टूटी सड़कों, भवनों, पुल और बांधों के ढहने की तस्वीरों ने कई चिंताएं खड़ी कर दी हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि म्यांमार में धरती की सतह के नीचे मौजूद चट्टानों में 1200 किलेामीटर लंबी दरार देश के कई हिस्सों से गुजरती है. यह दरार सागाइंग फॉल्ट कहलाती है. इस ‘स्ट्राइक स्लिप फॉल्ट’ के चलते भूकंप ज्यादा विनाशक साबित होता है. यह दरार अंडमान सागर से लेकर हिमालय की तलहटी तक बताई जाती है.