Mandi कंगना और विक्रमादित्य की सीट का गणित रोचक है
लोकसभा चुनाव में अभिनेत्री कंगना रनौत को बीजेपी का टिकट मिलने के बाद हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट पर काफी हलचल है. फिल्म इंडस्ट्री में नेपोटिज्म के खिलाफ आवाज उठाने वाली कंगना चुनावों में भी यही बात बोल रही हैं कि कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य की पहचान ही क्या है सिवाय इसके कि उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री थे और उनकी मां कांग्रेस नेत्री हैं. कंगना का यह पहला ही चुनाव है और उनके लिए पीएम मोदी तक मंडी में रैली कर चुके हैं जबकि कांग्रेस ने विक्रमादित्य सिंह को उतारा है. विक्रमादित्य के पिता वीरभद्र सिंह 6 बार हिमाचल के सीएम और केंद्रीय मंत्री भी रहे. 2021 में ही वीरभद्र नहीं रहे थे और अब कांग्रेस ने उनके बेटे विक्रमादित्य पर भरोसा किया हैँ. विक्रमादित्य सिंह हिमाचल की बुशहर रियासत के नए राजा बतौर भी गद्दी संभाल चुके हैं. विक्रमादित्य 2 बार विधायक रहे हैं और इस समय भी राज्य में मंत्री हैं. विक्रमादित्य
और कंगना दोनों राजपूत परिवारों से ताल्लुक रखते हैं. मंडी सीट पर राजपूत और ब्राह्मण नेताओं का दबदबा रहता आया है. आजादी से अब तक 19 में से 18 चुनाव में राजपूत या ब्राह्मण ही सांसद रहे हैं. 1952 में इस रिकॉर्ड से परे गोपीराम यहां से जीते थे जो अनुसूचित जाति से जुड़े थे. अब चूंकि दोनों प्रत्याशी राजपूत ही हैं इसलिए इस लिहाज से भी मुकाबला रोचक है.