Manchuriyan Gobhi पर कर्नाटक में प्रतिबंध
कर्नाटक सरकार ने गोभी मंचूरियन और कॉटन कैंडी में पाए गए खाद्य रंगों पर नकेल कसी है, खासकर रोडामिन-बी नामक रंग पर, जिसे मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव डालने वाला माना गया है. इसके बाद गोबी मंचूरियन की बिक्री में 80 प्रतिशत की गिरावट आई है. इससे पहले गोवा ने भी इसी तरह की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है.
गोभी मंचूरियन एक लोकप्रिय व्यंजन है, जो अपने चटपटे स्वाद और आकर्षक रंग के लिए जाना जाता है लेकिन हाल ही में, कर्नाटक सरकार ने इस व्यंजन में इस्तेमाल होने वाले कृत्रिम रंगों, विशेषकर रोडामिन-बी पर नकेल कसी है. इस रंग का इस्तेमाल न केवल गोभी मंचूरियन में बल्कि कॉटन कैंडी जैसे अन्य खाद्य पदार्थों में भी किया जाता है. इस रंग के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव के कारण, इसकी बिक्री में भारी गिरावट आई है. गोभी मंचूरियन में रंग के लिए नाम के एक रंग का प्रयोग अक्सर होता है. रोडामिन-बी एक रासायनिक रंग है जिसका उपयोग वस्त्रों, कागज, चमड़े, मुद्रण और प्लास्टिक को रंगने में किया जाता है. यह मंचूरियन को सुर्ख रंग देने के लिए प्रयोग किया जाता है. इसे इंसानों के लिए खाद्य श्रेणी में नहीं रखा जा सकता और इससे तीव्र विषाक्तता हो सकती है. इसके संपर्क में आने से आंखों को नुकसान और श्वसन पथ में जलन हो सकती है. जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इसे मानवों के लिए कार्सिनोजेनिक के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता, कुछ अध्ययनों में चूहों पर कार्सिनोजेनिक प्रभाव दिखाए गए हैं. प्रतिबंध के बाद गोभी मंचूरियन की बिक्री में 80 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, इससे पहले गोवा ने भी इसी तरह के कदम उठाए हैं. गोवा के मापुसा नगरपालिका परिषद ने बोडगेश्वर मंदिर जात्रा के दौरान सड़क किनारे लगने वाले स्टालों पर गोबी मंचूरियन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था और इसके पीछे भी तर्क यही दिया गया था इस व्यंजन को अस्वच्छ स्थितियों में पकाया जाता है, कृत्रिम रंगों का उपयोग किया जाता है, और यहां तक कि धुलाई पाउडर और संदिग्ध सॉस का भी उपयोग किया जाता है.