Ireland तक पहुंची घुसपैठियों को भगाने पर विरोध की आग
एक छोटी बच्ची से रेप के बाद लोगों का गुस्सा भड़का, अवैध आप्रवासियों के घर जलाए
अवैध आप्रवासियों के मामले से लॉस एंजल्स तो सुलग ही रहा था अब यह आग ब्रिटेन के आसपास तक पहुंच चुकी है. आयरलैंड में घुसपैठिए ने एक मासूम बच्ची के साथ गलत हरकत की और इसके बाद विरोध इस कदर बढ़ा कि आगजनी और हिंसा होने लगी. बताया जाता है कि एक 14 वर्षय घुसपैठिए ने एक बहुत छोटी बच्ची के साथ रेप कर दिया और यह बात स्थानीय लोगों को पता लगते ही गुस्सा फैल गया. पहले भी ऐसी घटनाओं के विरोध में मूल निवासी आवाज उठा चुके थे लेकिन घुसपैठियों को निकालने की कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब केल्ब्रिज(किल्डेयर) में मूल निवासी इस बात पर आमादा हैं कि सभी घुसपैठिए तुरंत बाहर किए जाएं, इसी मांग के साथ उन्होंने प्रदर्शन शुरु कर उन लोगों के घर जलाने शुरु कर दिए जिन पर इस मामले में शामिल होने की शंका थी. एक फिलीपींस के नागरिक और एक रोम निवासी, जो यहां अवैध रूप से रह रहे थे, के घर मूल निवासियों ने जला दिए और इन्हें बचाने आई पुलिस को स्थानीय लोगों ने जमकर पीटा. अब तक पुलिस के 15 से ज्यादा जवान घायल हो चुके हैं जबकि आगजनी की घटनाएं रुकी नहीं हैं. उधर अमेरिका के कैलिफोर्निया में तो हालात बेकाबू बने हुए हैं और अब वहां कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया गया है. अमेरिका में ऐसा निर्णय बहुत विशेष परिस्थतियों में ही लिया जाता है और लॉस एंजल्स जैसी जगह पर तो ऐसा होना और भी बड़ी बात मानी जा रही है. ट्रंप बार बार कह रहे हैं कि वे इन घुसपैठियों को बहर करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे लेकिन कैलिफोर्निया की डेमोक्रेट सरकार ने तय कर रखा है कि वह इन घुसपैठियों और उपद्रवियों को बचाने के लिए किसी हद तक चली जाएगी. कैलिफोर्निया में मेक्सिको के झंडों से लेकर फिलिस्तीन के पक्ष में नारे लगाते हुए आगजनी, लूटपाट और मारपीट की जा रही है और डेमोक्रेट गवर्नर का एक ही राग है कि ट्रंप को घुसपैठियों को भगाने की कोशिश ही नहीं करनी चाहिए थी.
अब इस सबके पीछे जो बड़े फैक्टर काम कर रहे हैं उन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी है. ये सभी घुसपैठियों को बचाने के बहाने अपने हित साध रहे हैं. एक तो इसमें सोरोस की फंडिंग काम आ रही है जो कतई नहीं चाहता था कि ट्रंप सरकार में आ सकें, उसे यूं भी दुनियाके हर कोने में सरकारों को अस्थिर करने में मजा आता है बल्कि कहें इसी से वह पैसा बनाता है. दूसरा फैक्टर हैं वो एनजीओ जिनकों दूसरी फंडिंग्स भी मिलती रहती हैं और तीसरा सबसे बड़ा पेंच आ गया है चीन का, जिसका कॉडर अपने स्तर पर अमेरिका में आग लगाने वालों को मदद दे रहा है. फिलिस्तीन समर्थकों का गुट तो सामने नजर ही आ रहा है और मेक्सिको इसलिए भरा बैठा है कि उसकी तरफ से अमेरिका जाने वालों को ट्रंप की दीवार रोक रही है, मेक्सिको ने साफ कह दिया है कि वह तो घुसपैठियों को पूरी मदद करने को तैयार ही बैठा है. ट्रंप जहां घुसपैठियों को भगाने में पूरी ताकत झोंक देना चाहते हैं वहीं डेमोक्रेट्स इन्हें बचाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं और अब तो वो ट्रंप सरकार के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में भी जा रहे हैं. अमेरिका के लिए यह एक ऐसी स्थिति है जो पहले कभी नहीं रही और इससे भी बढ़कर यह कि अमेरिकी कानून में दोनों ही पक्षों के अपने अपने बचाव भी हैं. एक नियम जहां ट्रंप सरकार को यह ताकत देता है कि वो कैलिफोर्निया में अपना आदेश लागू करवाने के लिए ताकत का इस्तेमाल कर सकते हैं वहीं दूसरा नियम ऐसा करने से उन्हें रोकता भी है यानी जो विवाद अब खड़ा हुआ है उसने अमेरिकी कानूनों की खामियां भी सामने लाकर रख दी हैं.