July 13, 2025
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Housing Board के श्रेणीकरण को हाइकोर्ट ने किया अमान्य

मध्य प्रदेश हाउसिंग एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर बोर्ड के कर्मचरियों की यूनियन ‘मध्य प्रदेश एम्पलाइज फोरम’ ने मध्य प्रदेश हाउसिंग एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर बोर्ड के खिलाफ एक बड़ी जीत हासिल की है.

प्रखर कर्पे ने कर्मचारियों के पक्ष में दिलाई जीत

दरअसल बोर्ड ने अपने 28/04/2017 एवं 13/12/2017 के आदेश के अनुसार 1988 से विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को 07.10.2016 की पॉलिसी में स्थाई वर्गीकृत किया और इन दैनिक वेतन भोगी कर्मियों को कुशल, अकुशल एवं अर्धकुशल जैसी तीन श्रेणी बनाकर बांट दिया था. श्रेणी बना दिए जाने के कारण दैनिक वेतन भोगि कर्मियों का वेतन निर्धारण श्रेणी आधारित किया जाने लगा. इससे कर्मियों को सीधा नुकसान हो रहा था, कर्मचारियों ने श्रेणीकरण के आदेश को फोरम के माध्यम से इंडस्ट्रियल कोर्ट में चुनौती दी थी. इंडस्ट्रियल कोर्ट ने फोरम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए श्रेणीकरण आदेश को खारिज कर सभी दैनिक वेतन भोगियों को 7/10/2016 की पॉलिसी के अंतर्गत कुशल श्रेणी का वेतन देने के निर्देश दिए. इंडस्ट्रियल कोर्ट के निर्देश को बोर्ड ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट, इंदौर खंडपीठ में विविध याचिका प्रस्तुत करते हुए चुनौती दी. माननीय हाई कोर्ट ने विविध याचिका को निराकृत करते हुए 01/04/2024 को आदेश पारित किया जिसके द्वारा विविध याचिका को खारिज करते हुए यह कहा गया कि बोर्ड द्वारा ऐसा कोई दस्तावेज इंडस्ट्रियल कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया है जिससे श्रेणीकरण को स्पष्ट किया जा सके. इसके अभाव में दैनिक वेतन भोगियों को कुशल श्रेणी का ही मानते हुए उनका वेतन इसी आधार पर निर्धारित करने के आदेश दिए. फोरम की तरफ से अधिवक्ता प्रखर कर्पे, यश अग्रवाल एवं श्रेय चंडक द्वारा पैरवी की गई. इस आदेश से लाभान्वित होने वाले कर्मचारियों ने फोरम और अपने प्रखर वकीलों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया.