Gaming में सट्टेबाजी रुकने से गेमिंग का राजस्व भी धीमा
ऑनलाइन गेमिंग पर शिकंजे से डिजिटल पेमेंट कम हुए
भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर सरकार की सख्ती का असर अब नजर आ रहा है. हाल ही में लागू प्रतिबंधों के बाद रियल मनी गेमिंग के डिजिटल लेन-देन में जमकर गिरावट हुई है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़े बताते हैं कि अगस्त के शुरुआती नौ दिनों में ही गेमिंग सेक्टर के यूपीआई ट्रांजैक्शन 2,500 करोड़ से कम हो गए. जुलाई में इसमें 35.1 करोड़ ट्रांजैक्शन से 10,076 करोड़ मूल्य के लेनदेन हुए थे वहीं अगस्त में 27.1 करोड़ ट्रांजैक्शन से 7,441 करोड़ का ही लेनदेन हुआ जो कि लगभग एक चौथाई की गिरावट है. विशेषज्ञ कहते हैं कि गेमिंग इंडस्ट्री की कमाई ऐसे रियल मनी गेम्स से ही थी जिनमें खिलाड़ी सीधे पैसे लगाते हैं और कैश रिवॉर्ड होते हैं. जबकि ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग में राजस्व ज्यादा नहीं आता है. अब इसका सालाना आंकड़ा भी 1.2 लाख करोड़ से नीचे आने की संभावना है. वैसे यूपीआई हर महीने लगभग 19 अरब ट्रांजैक्शन से 25 लाख करोड़ से अधिक के लेनदेन प्रोसेस करता है. यानी आईपीएल सन को छोड़ दें तो गेमिंग कैटेगरी इसमें सिर्फ 1.5 प्रतिशत ही शामिल है और और वैल्यू तो 0.5 प्रतिशत पर ही अटकी हुई है. आईपीएल में यह हिस्सा 2.5 प्रतिशत तक हो जाता है.