April 19, 2025
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जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट में विश्व पर्यावरण का आरंभ

विश्व पर्यावरण दिवस पर इस वर्ष की थीम “भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखे से निपटने की क्षमता” है. जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर इस सप्ताह की शुरुआत डॉ भरत रावत द्वारा शंखनाद कर की गई. केरोलिना ने अपने बेटे और बेटी के साथ ईश्वर से आशीर्वाद और मार्गदर्शन के लिए बहाई प्रार्थना गाई. गौतम काले के संगीत गुरुकुल के संगीत समूह ने प्रकृति को अपने गायन के जरिए धन्यवाद दिया. डॉ भरत रावत ने जनक दीदी की तरह जीना सीखना पड़ेगा. धरती माँ का स्वाथ्य ठीक रखेंगे तो सभी ठीक रहेंगे. डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने पर्यावरण के लिए अपने प्रयासों के बारे में बताया कि किस तरह बंजर जमीन, रेनवॉटर सिस्टम, सोलर किचन, पर्यावरण संरक्षण, मिट्टी संरक्षण, आदि विषयों पर ध्यान दिया. उन्होंने कहा कि पिछले 32 साल से हर साल पर्यावरण परिसंवाद करती है जिसमें जल और मृदा संरक्षण, वृक्षारोपण और वायु में होने वाले प्रदूषण जैसे विषय होते हैं.
जिन देशों के पास तेल है वे भी पानी के लिए लड़ रहे हैं
फाउंडेशन के ट्रस्टी वीरेंद्र गोयल ने बताया कि प्लास्टिक ने किस तरह पूरी दुनिया में नुकसान किया है और खत्म न होने वाला कचरा फैलाया है. पर्यावरणविद ओपी जोशी जी ने बताया कि इंदौर में 1970 के समय 30 प्रतिशत जगह पर हरियाली थे जो अब 10 प्रतिशत भी नहीं बची है. भू-वैज्ञानिक डॉ सुधिंदर मोहन ने बताया कि जो देश तेल जैसी संपत्ि लिए बैठे हें वे भी पानाी के लिए लड़ाई कर रहे हैं. दिलीप वाघेला ने कहा पानी और वायु की जाँच रिपोर्ट रखी. इंदौर दन्त चिकित्सा कॉलेज की डीन डॉ संध्या जैन ने बताया कि जनक दीदी की प्रेरणा से हमने स्टील के बर्तन पानी के मटके शुरू किये हैं. डॉ कुलदीप राना भी बहुत खुश हुए इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डीएविवि की कुलपति डॉ रेणु जैन ने बताया की पर्यावरण संपूर्ण विश्व की चिंता विषय हैं, जिसके लिए खासतौर युवाओं को जागरूक होना होगा साथ ही उन्हें अपनी जरूरतों को कम से कम करना होगा.संसाधन सीमित हैं इसलिए जनसंख्या नियंत्रण पर भी ध्यान देना होगा. उन्होंने यूनिवर्सिटी को जीरो वेस्ट कैंपस बनाने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में इंदौर की नेति रीती सेठी ने बताया कि जनक दीदी के पास इंटर्नशिप करके सस्टेनेबल लिविंग के आर्थिक लाभ पर विषय पर उन्हें येल यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिल गया है.
कार्यक्रम में पर्यावरणविद, सोलर इंजीनियर सुष्मिता भट्टाचार्य, मोनिका और कस्तूरबा ग्राम कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर रशिना व उनका स्टाफ, सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र धाकड़, सोशल वर्क के नीलेश, पूजा और इकोनॉमिक्स ऑनर्स के इंटर्न उपस्थित थे.