Canada में लिबरल पार्टी की जीत, खालिस्तानी जगमीत हारा
चुनावों को लेकर संदेह भी जताने वालों की कमी नहीं, रिगिंग का भी आरोप, कंजरवेटिव पीएम उम्मीदवार सीट हारे
कनाडा के चुनाव को लेकर जब तक ट्रूडो थे तब तक यह साफ था कि उनकी पार्टी चुनाव में बुरी तरह हार रही है लेकिन उनकी जगह जब कार्नी ने ली तो माहौल बदल गया और अब फिर लिबरल पार्टी के जीतने के आंकड़े आने लगे हैं. हालांकि यह जीत कोई बड़ी नहीं है क्योंकि कंजरवेटिव भी बहुत पीछे नहीं रहे लेकिन दो महीने में बुरी तरह हार रही पार्टी का फिर सत्ता की तरफ बढ़ना भी चौंका तो रहा ही है.
भारत के लिहाज से एक बड़ी खबर इस चुनाव में यह भी है कि खालिस्तान का घनघोर समर्थक जगमीत सिंह बुरी तरह चुनाव हारा और इस बार उसे सांसदी छोड़नी होगी. जिस सीट से वह चुनाव हारा है वहां उसे तीसरा स्थान मिला जबकि वह यहीं से सांसद हुआ करता था. जस्टिन ट्रूडो जगमीत को इसीलए इतना बढ़ावा देता था कि उसकी पार्टी का समर्थन मिल जाए तो सत्ता के आंकड़े तक पहुंचना आसान होगा लेकिन जगमीत की पार्टी का नेशल पार्टी का दर्जा भी छिन गया क्योंकि उसकी पार्टी भी बुरी तरह हारी है. हालांकि कंजरवेटिव पार्टी की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए पेश किए गए पियरे पाएलिव्रे भी अपनी सीट से चुनाव हार गए हैं. वे बीते दो दशक से सांसद थे और जो हालत ट्रूडो के समय राजनीतिक तौर पर देखी जा रही थी उसमें कंजरवेटिव के जीतने पर उनका पीएम बनना तय माना जा रहा था. कनाडा में यह आम चुनाव ट्रंप की टैरिफ धमकियों के साथ इस बात पर भी लड़ा गया था कि वे कनाडा को अपने एक राज्य के रुप में देखना चाहते हैं .ट्रूडो के बाद प्रधानमंत्री बने कार्नी के ही फिर से पीएम पद संभालने की संभावना सबसे ज्यादा है.