June 26, 2025
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Box Office पर स्टार हैं लेकिन इनकी हकीकत क्या है

नजर रखिए कि आप जिन्हें पसंदीदा सितारा कहते हें वे देश की जरुरत के समय चुप क्यों हैं

बॉलीवुड वालों के लिए ऑपरेशन सिंदूर भी एक टाइटल भर है जिसे भुनाने के लिए होड़ लग गई कि कौन इसे हासिल कर ले लेकिन क्या इससे फिल्मी दुनिया वाले लोगों का जरा भी सरोकार है, कम से कम ऐसा एक भी बार महसूस तो नहीं हुआ. हद यह कि इस बॉलीवुड ने जिन विदेशियों को मौका दिया वे जरुर मुखर तरीके से भारत का विरोध करते सोशल मीडिया पर दिख रहे हें लेकिन बॉलीवुड पर जिनका माना जाता है उनमें से कोई आवाज भारत की आवाज से साथ मिलती नहीं सुनाई दी. एक हैं महेश भट्‌ट जिनका बेटा पाकिस्तान में ट्रेंड आतंकी रिचर्ड हेडली का दोस्त और खैरख्वाह रहा है, इन सज्जन को पाकिस्तान से इसलिए भी बहुत प्यार है क्योंकि वहां का संगीत उठाकर या कुछ मामलों में तो फिल्मी कहानी चुराकर भी फिल्म बना लेना इनके लिए आसान रहता है. इन्हें भारत में टेलेंट की कमी नजर आती है लेकिन पाकिस्तान से एक्ट्रेस बटोर कर उन्हें यहां पैसा दिलाना पसंद है.

इनकी बिटिया फिलाहल बॉलीवुड में नंबर वन हो न हो, सबसे ज्यादा फीस लेने वाली हीरोइन है. भट्‌ट साहब के मुंह से अब तक एक बोल नहीं फूटा न भारत के समर्थन में और न पाकिस्तान के खिलाफ. वो अकेले ही ऐसे हों, ऐसा भी नहीं. फिल्मों से लेकर टीवी शोज तक और कॉमेडी शो से लेकर ओटीटी तक में पाकिस्तानायों को भर भर कर लेने वाले बॉलीवुडिए ऐसे समय में चुप्पी साध लेते हैं. वैसे पाकिस्तान प्रेम भी बॉलीवुड में कुछ नया नहीं है. कपूर खानदान को भी पाकिस्तान में अपनापन ज्यादा लगता रहा है और राजकपूर तो दीवाने ही थे पाकिस्तानी टेलैंट के. कहने वाले तो कहते हैं कि जेबा बख्तियार से लेकर मंदाकिनी तक को राजकपूर ने अपनी फिल्मों में इसलिए दो वजहों से कास्ट किया, पहला तो पाकिस्तान के प्रति प्रेम और दूसरा दाउद की धमक. एक समय था जब दिलीप कुमार नाम रखकर यूसुफ साहब को फिल्में करनी पड़ती थीं और नरगिस से लेकर मधुबाला तक पचासों ऐसे नाम निकल आएंगे. फिर जब यह समझ आ गया कि बॉलीवुड वालों को तो कुछ ज्यादा ही लगाव है और जनता भी खान सरनेम से बिचकती हो, ऐसा नहीं है. इसके बाद तो बॉलीवुड में भाईचारे की मिसालें गढ़ने के लिए न जाने कितने प्रयोग हुए और अंडरवर्ल्ड पर भी चूंकि पाकिस्तान प्रेमी दाउद जैसों का कब्जा था जो परदे के पीछे से बॉलीवुड को चलाते थे लिहाजा भारतीय सिनेमा या कहें मनोरंजन इंडस्ट्री में पाकिस्तान के प्रेम में ऐसे लोगों की भीड़ जमा हो गई जिन्हें हिंदुस्तान से भी ज्यादा प्यार पाकिस्तान पर उमड़ता रहा. आज जब भारत और पाकिस्तान युद्ध के मुहाने पर हैं या कहें युद्ध में ही हैं तब पूरी मनोरंजन इंडस्ट्री को जैसे सांप सूंघ गया हो. यही वह इंडस्ट्री है जिसे कभी भारत के खिलाफ नेरेटिव गढ़ने वाले मामलों में मुखर होने में देर नहीं लगती है, यहां तक कि इक्का दुक्का रोल करने वाले भी खुद को बड़ी सेलिब्रिटी समझते हुए भारत के खिलाफ बोलने से बाज नहीं आते. मसला बहुत लंबा है इसलिए एक उदाहरण स बात खत्म करते हैं, एक कथित कलाकार हैं टिस्का चोपड़ा, इन्होंने भारत के एयर डिफेंस सिस्टम खरीदते समय सवाल उठाए थे कि इतने पैसे से वेंटिलेटर क्यों नही खरीदे गए. अब जब पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन को यही सिस्टम नाकाम कर हजारों जानें बचा रहा है तब टिस्का ने चुप्पी साध ली है. आप तो इस समय बस यही समझिए कि जिनकी फिल्मों को आप बॉक्स ऑफिस पर करोड़ों की कमाई देते हैं उनकी सोच देश के प्रति क्या है.