Sitaram Yechury नहीं रहे, एक महीने से बीमार थे
अंतिम सांस तक कम्युनिस्ट रहे सीताराम
सीताराम येचुरी ने एम्स में 72 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव येचुरी की पार्थिव इेह अस्पताल को दान कर दी गई है. येचुरी 19 अगस्त से एम्स में भर्ती थे और उन्हें सांस लेने में दिक्कत के चलते भर्ती कराया गया था.
30 अगस्त को आखिरी बार उन्होंने राजनीतिक रुप से एक वीडियो रिकॉर्ड कराकर संदेश भेजा था लेकिन उसके बाद से उनकी तबियत बिगड़ती चली गई और उन्हें पहले आईसीयू में भर्ती करना उ़ा, बाद में उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. येचुरी कम्युनिस्ट होने के नाते पूरे राजनैतिक करियर में विवादित रहे और उनका चीन प्रेम किसी से छुपा नहीं था. आतंकियों की मदद की चिटि्ठयां लिखनी हों या उन्हें मदद पहुंचानी हो येचुरी ऐसे कामों में विशेष रुचि लेते थे और सांसद बतौर भी उन्होंने ऐसे ही मुद्दे लगातार उठाए. येचुरी को नवनिर्मित राम मंदिर पर भी आने के लिए आमंत्रण था लेकिन उन्होंने अयोध्या जाने से इंकार कर दिया था. 1952 में चेन्नई में तेलुगु ब्राम्हण परिवार में जन्मे येचुरी के पिता इंजीनियर थे और मां सरकारी अफसर थीं. 17 साल की उम्र में वे तेलंगाना आंदोलन के चलते एक बार कम्युनिस्टों के संपर्क में आए तो 1974 से आधिकारिक तौर पर कम्युनिस्ट होने से अंतिम सांस तक वे कम्युनिस्ट ही रहे.