October 7, 2025
वर्ल्ड

France पीएम का इस्तीफा राष्ट्रपति पर इस्तीफे का दबाव

फ्रांस के लेकोर्नू सबसे कम समय पीएम रहे, इस्तीफा
पिछले ही महीने प्रधानमंत्री बनाए गए सेबेस्टियन लेकोर्नू फ्रांस के सबसे कम समय पीएम रहे व्यक्ति बन गए हैं. उनके इस्तीफे की घोषणा तब हुई जब उन्होंने चंद घंटों पहले ही अपना नया मंत्रिमंडल बनाया था लेकिन इस मंत्रिमंडल के संतुलन को लेकर ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया. राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के लिए यह बड़ी अजीब स्थिति है कि वे सरकार बनवाते हैं लेकिन कोई भी सरकार को चला नहीं पाते हैं. इस बार तो लेकोर्नू को महज 27 दिनों में ही इस्तीफा देना पड़ गया. यह घटनाक्रम राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के लिए बड़ा झटका है, जिनकी लोकप्रियता अस्थिरता, आर्थिक दबाव और राजनीतिक विभाजन के चलते इस समय सबसे निचले स्तर पर है. मैक्रों ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नियुक्त करते हुए लेकोर्नू पर भरोसा जताया था कि वे इस बार सरकार को कुछ समय तो खींच ही लेंगे, इससे पहले फ्रांस्वा बेयरू ने विश्वास मत खोने के बाद इस्तीफा दिया था.

लेकोर्नू ने नए मंत्रिमंडल में अधिकांश पुराने चेहरे लिए और इससे सभी दल उनके खिलाफ हो गए. विपक्ष और खुद मैक्रों की पार्टी ने इसे असंतुलित मंत्रिमंडल बताते हुए घोर दक्षिणपंथी कहा. दरअसल फ्रांस की संसद में मैक्रों वामपंथी और दक्षिणपंथी पार्टियों के बीच सुलह के साथ सरकार चलाने की कोशिशें कर रहे हैं जो सफल होना मुश्किल ही है. लेकोर्नू चाहते थे कि वे कम से कम बजट तो पारित करवा लें लेकिन विपक्ष ने उन्हें इतना भी मौका नहीं दिया जिसमें खुद उनकी पार्टी भी उनके खिलाफ ही खड़ी हो गई खासतौर पर ब्रूनो ले मेर को रक्षा मंत्री बनाया जाना उनके इस्तीफे की वजह बना. फ्रांस की आर्थिक हालत खराब है और इसके चलते लेकोर्नू को कड़ा बजट पेश करना था और यह तय था कि उन्हें इसके नतीजे में इस्तीफा भी देना पड़ जाएगा लेकिन बजट से पहले ही इस्तीफा देने के चलते लेकोर्नू को भले राजनीतिक नुकसान कम हो लेकिन यह मैक्रों के लिए तो बड़ा सिरदर्द हो ही गया है. कर्ज भी 113% तक पहुंच गया है. अब मैक्रों पर दबाव है कि वे बजाए कठपुतलियों का प्रयोग करने के खुद ही इस्तीफा दे दें जबकि मैक्रों कह रहे हैं कि वे 2027 तक पद पर बने रहेंगे.