The Wire कैसे बात बेबात लगा देता है अपना एजेंडा
हिंदी न्यूज चैनल वाले इतनी उर्दू क्यों मिलाकर बोलते हैं- शिकायतकर्ता
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सीपीग्राम्स पर एक शिकायत की गई जिसमें कहा गया कि जो न्यूज चैनल खुद को हिंदी समाचार चैनल क रुप में चिन्हित करते हैं वे तीस प्रतिशत तक शब्द उर्दू के उपयोग करते हैं इसलिए इन्हें भाषा विशेषज्ञ नियुक्त करने और उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक करने को कहा जाए. मंत्रालय ने यह बात चैनलों तक पहुंचाते हुए कह दिया कि इसे लेकर वे क्या कर रहे हैं बताएं लेकिन द वायर जैसे संस्थानों को तो हर जगह एजेंडा घुसेड़ना ही होता है लिहाजा उन्होंने इस बात को ऐसे पेश किया मानों सूचना प्रसारण मंत्रालय ने उर्दू के इस्तेमाल पर आपत्ति लेते हुए चैनलों को नोटिस दिया हो.
हुआ यह था कि शिकायतकर्ता ने पांच हिंदी न्यूज चैनलों का नाम अपनी शिकायत में लिया था, मंत्रालय ने शिकायत में लिखी गई बात को उन चैनलों तक पहुंचा दिया. ठाणे निवासी एसके श्रीवास्तव ने मंत्रालय से हिंदी चैनलों के बड़ी संख्या में उर्दू शब्दों के इस्तेमाल पर कहा था कि इनका खुद को हिंदी चैनल कहना गलत होगा यदि हिंदी में तीस प्रतिशत से ज्यादा उर्दू ही मिला दी गई हो. मंत्रालय ने जिन चैनलों के नाम शिकायत में थे उन्हें यह बात पहुंचाते हुए केबल टेलीविज़न नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2025 के तहत मामले को देखने की बात शिकातयकर्ता तक पहुंचा दी लेकिन द वायर को लगा कि उर्दू के प्रति भेदभाव जैसी बात बताकर वह अपना एजेंडा लगा सकता है तो उसने इसे नोटिस बताते हुए खबर चलाई कि उर्दू के इस्तेमाल पर सूचना प्रसारण मंत्रालय ने चैनलों को नोटिस दे दिया.