White House में बड़े जमावड़े की कुछ झलकियां
सुफ़ेद कोठी की महफ़िल- अमरिक्का से मन जी की कलम
आज रियासत-ए-अमरीक्का में दुनिया भर के लीडरान का जमावड़ा हुआ, जैसे कोई शादी-ब्याह का बाराात हो और बाराती सब यूरोप से उड़ कर पहुँच जाएँ। सुफ़ेद कोठी में ऐसा जलसा हुआ कि अल्लामा इक़बाल भी ज़िंदा होते तो कह उठते— “ये है असली पंचायत-ए-ग़फ़लत।”
सदर निवास सुफ़ेद कोठी (White House) में मेजबान ट्रम्प ताऊ ने मेले जैसा माहौल बनाया। इतालवी पीएम जॉर्जिया मेलोनी, फ़्रांस के सदर मैक्रोन, जर्मनी के चांसलर, ब्रिटिश पीएम, फ़िनलैंड के सदर साब, नीदरलैंड वाले पीएम (जो नाटो के महासचिव भी हैं, यानी डबल रोल में हीरो) और यूरोपियन आयोग की मुखिया—all present! और इन सबके बीच शो का स्टार — ज़ेलेंस्की चच्चा।
अब ज़ेलेंस्की ने इस बार बड़ी तैयारी की थी। पिछली बार की फज़ीहत से सबक ले लिया।
• पहला काम: अकेले नहीं आए। पूरा यूरोप अपने साथ बटोर लाए, जैसे बच्चे मेले में दोस्त बटोर लाते हैं।
• दूसरा काम: इस दफ़ा प्रॉपर सूट पहन कर आए। यह देख कर ट्रम्प ताऊ के चेहरे पर गुलाब खिल गए। उन्होंने फ़ौरन तारीफ़ झाड़ी—
“जे हुई ना बात! बन सँवर-श्रृंगार कर आया करो, पिछली बार की तरह झल्लों की तरह मुँह उठा के न आ जाया करो।”
बैठक लंबी चली। सब नेताओं ने वही पुराना गाना गाया कि “युद्ध जल्दी ख़त्म होगा, भाईचारा कायम होगा”। ट्रम्प ताऊ ने ऐलान ठोका कि अगली मीटिंग उनकी निगरानी में होगी, और तब सिर्फ़ ज़ेलेंस्की चच्चा और पुत्तन चच्चा आमने-सामने बैठ कर जैसे गाँव में चौधरी पंचायत लगवाता है, वैसे ही अपना झगड़ा सुलझा लेंगे।
ट्रम्प ताऊ ने तो यहाँ तक कहा—
“हमरे पुत्तर परदेस में भी जब चच्चा लोग ज़मीन-बंटवारे पे लड़ पड़ते हैं, तो गाँव का मुखिया दोनों को बिठा के डंडा फटकार देता है—ले भई, यह खेत तेरा, वो खलिहान तेरा। अब चुप्प करो।”
तो उम्मीद है कि चौधरी ट्रम्प ताऊ भी पुत्तन चच्चा और जेलेस्की चच्चा में सुलह करवा देंगे।
बैठक में सबसे मज़ेदार रोल निभाया इतालवी पीएम मेलोनी ने—बिलकुल बुआ जी वाली अदाओं में। उन्होंने ट्रम्प ताऊ की इतनी तारीफ़ की कि बाकी सब नेताओं को शक होने लगा कि कहीं ये स्वागत-समारोह की जगह रिश्ता-सभा तो नहीं है।
भूरेलाल जी इस मुद्दे पे अर्ज़ करते है-
सुफ़ेद कोठी में महफ़िलें, शेरो-शायरी, ताऊ की धाक,
मगर असल मसले पर अब भी है सन्नाटा और फ़ाक़!