August 18, 2025
साहित्य समाचार

वागीश्वरी पुरस्कार-2025 आकाश माथुर को

उपन्यास ‘उमेदा-एक योद्धा नर्तकी’ के लिए चुना गया वागीश्वरी पुरस्कार के लिए नाम

मप्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्रतिष्ठित वागीश्वरी पुरस्कार- 2025 के लिए प्राप्त प्रविष्टियों पर निर्णायक मंडल ने अपना निर्णय दे दिया है, जिसके अनुसार उपन्यास विधा में श्री आकाश माथुर, सीहोर को उनके उपन्यास ‘उमेदा-एक योद्धा नर्तकी’ के लिए प्रदान किया जाएगा. पत्रकारिता के साथ लेखन कार्य में अथक काम कर रहे आकाश को बधाई देते हुए साहित्यकार पंकज सुबीर कहते हैं कि यह भारत की आज़ादी का माह है या पत्रकारिता की क़ैद से एक गुणी युवा लेखक की आज़ादी का माह है ?पहले रामदरश मिश्र न्यास का “शताब्दी सृजन सम्मान” फिर वनमाली कथा में एक उत्कृष्ट कहानी “बहुरूपिया” का प्रकाशन और अब हिंदी साहित्य सम्मेलन का “वागीश्वरी पुरस्कार”.

क्या है विषय वस्तु…

आकाश की कृति ‘उमेदा’ पर लिखा हुआ उपन्यास है जिसमें कुँवर चैन सिंह की जगह उन्हीं के साथ शहीद हुई नर्तकी उमेदा मुख्य पात्र है जबकि इतिहास में इस नाम की नर्तकी का जिक्र तक कहीं नहीं मिलता, आज एक सीहोर में कुँवर चैन सिंह की छतरी के पास टूटी सी समाधि के नीचे चिर विश्राम कर रही उमेदा की जिस तरह पहचान गुम हो रही है उससे लग तो यही रहा था कुछ समय में इस समाधि के साथ उनका अस्तित्व अपनी अनूठी कहानी के साथ गुमनामी की गर्त में चला जाएगा लेकिन आकाश के उपन्यास ने न सिर्फ इस किरदार को अमर कर दिया है बल्कि यह कहानी उन तक भी पहुंचा दी है जो इससे अब तक अनजान थे. एक ऐसे पात्र की ऐसी कहानी जिसे लगभग भुला दिया गया था. बहुत छोटे सूत्रों के साथ और बारीक से कथानक पर एक रोचक उपन्यास रचते हुए उमेदा को आकाश ने इस जमाने में एक बार फिर जिंदा कर दिया है.