August 8, 2025
देश दुनिया

Citizenship पर चुप राहुल, चुनाव आयोग को बता रहे झूठा

राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव आयोग पर लगाए कई आरोप
इंडी गठबंधन के तेजस्वी यादव से जवाब देते नहीं बन रहा है कि उनके पास दो एपिक नंबर वाले दो वोटर आईडी कैसे मौजूद हैं यहां तक कि खुद राहुल गांधी कर नागरिकता का मामला उलझा हुआ है और इस पर अदालती कार्रवाई चल रही है कि आखिर वे भारतीय हैं भी या नहीं लेकिन राहुल चुनाव आयोग पर धड़ाधड़ आरोप लगाए चले जा रहे हैं. राहुल ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा वोटों की चोरी कर रही है. उनका दावा है कि चुनाव आयोग भाजपा चुनावों में हेराफेरी करा रही है और चुनाव आयोग यह सब कर रहा है. राहुल ने वोट चोरी के आरोप के पक्ष में जो बात कही उसके पीछे तर्क यह दिया कि भाजपा को कभी एंटी-इनकंबेंसी का सामना नहीं करना पड़ता और उन्हें अप्रत्याशित जीत मिलती है. यहां तक कि ओपिनियन पोल और एग्जिट पोल भी अक्सर भाजपा को मिली सीटों के आगे फेल हो जाते हैं.
राहुल ने दावा किया कि महाराष्ट्र में पांच महीनों में जितने वोटर जुड़े उतने तो पिछले पांच सालों में भी नहीं जोड़े गए. हालांकि चुनाव आयोग के आंकड़े इस दावे को खारिज करते हैं. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने मशीन-रीडेबल वोटर लिस्ट देने से इनकार कर दिया जबकि आयोग सुरक्षा और डेटा गोपनीयता के कारण यह उपलब्ध नहीं कराता है.
उन्होंने कर्नाटक की महादेवपुरा सीट पर 1,00,250 वोटों की हेराफेरी का दावा किया. लेकिन यह आंकड़ा भी बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के है. डुप्लीकेट वोटर, फर्जी पते और अमान्य फोटो जैसे आरोपों पर कोई तकनीकी या कानूनी आधार नहीं दिया गया. राहुल गांधी ने यह भी नहीं बताया कि जब कांग्रेस तेलंगाना, कर्नाटक, हिमाचल और झारखंड में जीतती है, तब वह वोटर लिस्ट क्यों नहीं दिखाते? क्या तब उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा होता है?
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी के आरोपों को गैर-जिम्मेदाराना बताया. उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक संस्था का अपमान है और जनता ऐसे नेताओं को कभी स्वीकार नहीं करेगी. उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी राहुल गांधी पर तीन बार टिप्पणी की है, जो उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है. शिवसेना सांसद नरेश म्हस्के ने कहा कि राहुल गांधी बचकानी हरकतें कर रहे हैं और उनके आरोपों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि यह बयान कांग्रेस की गिरती साख और नेतृत्व की कमजोरी का प्रमाण है. राहुल गांधी को यह भी स्पष्ट करना चाहिए था कि उनके सहयोगी तेजस्वी यादव के दो वोटर आईडी कार्ड कैसे बने. उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की. यह दिखाता है कि कांग्रेस सिर्फ आरोप लगाने में माहिर है, लेकिन जवाब देने से बचती है.