August 5, 2025
देश दुनिया

Rahul Gandhi देशप्रेमी होते तो ऐसे बयान नहीं देते- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की फटकार. सेना पर टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को नोटिस. लखनऊ केस पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारतीय सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने सवाल किया कि उन्हें कैसे पता चला कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है. कोर्ट ने कहा कि अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा बयान नहीं देते. जब सीमा पर तनाव हो, तो क्या इस तरह की बातें सार्वजनिक रूप से कही जा सकती हैं.
कोर्ट ने राहुल गांधी से पूछा कि वे संसद में सवाल क्यों नहीं उठाते. आप विपक्ष के नेता हैं. संसद में बोलिए, सोशल मीडिया पर नहीं. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ चल रही मानहानि की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले में शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है.
क्या है पूरा मामला
16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने एक विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पूछ रहे हैं, लेकिन चीन ने 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन पर कब्जा कर लिया है. 20 भारतीय सैनिक मारे गए हैं और अरुणाचल प्रदेश में हमारे सैनिकों को पीटा जा रहा है.
राहुल गांधी के इस बयान पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज कराया था. इसी साल 29 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें समन जारी किया गया था.
राहुल गांधी ने इस समन और शिकायत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने कहा कि यह शिकायत दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक बदनीयती के तहत दर्ज कराई गई है.
बीजेपी ने उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमला बोला है. भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं. उन्होंने कहा कि एक कांग्रेस नेता के रूप में राहुल गांधी कितने परिपक्व हैं, यह अब सबके सामने है.
गौरव भाटिया ने यह भी कहा कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने भारत विरोधी मानसिकता का प्रदर्शन किया है. उन्होंने सेना और देश की सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर गैर-जिम्मेदाराना बयान देकर देश की छवि को नुकसान पहुंचाया है.
आगे क्या
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए शिकायतकर्ता और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक मंचों पर दिए गए बयान अगर सेना या राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हों, तो उनकी गंभीरता को समझना जरूरी है. राहुल गांधी को अब इस मामले में कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा.