July 25, 2025
देश दुनिया

नकली दूतावास और वेस्ट अंटार्कटिका का वीसा…

यूएसए से मनजी की कलम से

एक- गाजियाबाद में पुलिस ने एक आदमी को दबोचा है जो वहाँ दूतावास चला रहा था- नक़ली दूतावास. हर्ष वर्धन नामक इस जालसाज़ ने वहाँ महँगी गाड़ियों को किराए पे खड़ा किया और वेस्ट अंटार्कटिका जैसे फ़र्ज़ी मुल्कों के नाम से ख़ुद को उधर का राजदूत बताया. इरादा था इधर का वीसा देने के लिए लोगों से धोखाधड़ी करेगा, पैसे ऐंठेंगे. शायद किया भी हो. ना मालूम कितने लोग धोखे में आए भी हो. इंटरनेट के इस युग में लोग जहाँ एआई से नित नए तरीके खोज रहे है कि कैसे लोगों को टोपी पहनाये वहीं हर्षवर्धन साब ने पुराना तरीका अख्तियार किया- बेवकूफ लोगों को और बेवकूफ बनाओ. वेस्ट अंटार्कटिका जैसे देशों का वीसा दो.

हर्षवर्धन साहब ने कहा, “भाई, ये सब छोड़ो, पुरानी टोपी ही फिर से पहनाओ, बस स्टाइल न्यू रखो.”

अब आप पूछेंगे कौनसी टोपी? तो जनाब, यह वही टोपी है जो नासमझों को “वेस्ट अमेरिका” का वीसा पकड़ा कर पहनाई जाती है.
ध्यान दीजिए, “वेस्ट अंटार्कटिका”—ऐसा देश जो ग्लोब पे सिर्फ़ तब दिखता है जब आपने उल्टा नक़्शा पकड़ा हो और गूगल मैप पे गलती से जूम आउट कर दिया हो. हर्षवर्धन जी की असली महारत ये नहीं कि उन्होंने फ़र्ज़ी माल बेचा, असली टैलेंट तो यह है कि उन्होंने ग़ैर-मौजूद माल को भी “लिमिटेड एडीशन” बता कर बेचा.

और ग्राहक? अरे साहब, लाइन में खड़े थे, जैसे एपल का नया आईफोन नहीं, बर्फ़ीला सपना मिलने वाला हो.

अमुक भी ऐसे जालसाज़ों से खूब रूबरू हुए है जब एक फ़र्ज़ी ने मिलियन डॉलर का नोट पाँच लाख में बेचना चाहा. दूसरे फ़र्ज़ी ने अमुक को रिटर्न फ्लाइट में लुफ़्तांसा का बिज़नेस क्लास अपग्रेड ढाई सौ डॉलर में बेचना चाहा. जैसे एयरलाइन नहीं, संडे का ओएलएक्स चल रहा हो.

इस दौर में जब स्कैम भी सॉफिस्टिकेशन ओढ़ चुका है, हर्षवर्धन स्कूल ऑफ़ टोपीकला ने यह साबित कर दिया है —
“बेवक़ूफ़ बनाना एक कला है, और भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं.”

अब अगली टोपी किसे पहनाई जाएगी?
पता नहीं जनाब — पर सिर आपका भी हो सकता है.
चौकन्ना रहिए… और वेस्ट अंटार्कटिका का पासपोर्ट घर पर ही छोड़ दीजिए.

धन्य हैं… हर्षवर्धन जी- वेस्ट अंटार्कटिका के स्वयंभू राजदूत!

दो- न्यूयॉर्क में एक 61 वर्षीय अश्वेत पुरुष की एमआरआई मशीन में दर्दनाक मृत्यु हो गई. घटना कुछ दिनों पहले की है. हुआ क्या था? मृतक अपने घुटने का एमआरआई करवाने एक इमेजिंग सेंटर पहुंचा. एमआरआई करने वाले टेक्निशियन उसे ये बताना भूल गया कि अपने शरीर से चेन आदि ज्वेलरी उतार कर अलग रख दो. मृतक कीथ 20 पाउंड की मोटी चेन पहने हुआ चेन चैन सोने की ना थी, मैटेलिक चैन पे स्वर्ण परत थी. ये इधर का फैशन है -अधिकांश अश्वेत और मक्कू लोग ऐसे मोटी चेन धारण करते है. एमआरआई मशीन शुरू होते ही कीथ मशीन से चिपक गया- मशीन मैग्नेटिक फील्ड बनाती है जिसके चलते चेन मशीन से चिपक गई और कीथ मशीन में आधा घुस गया. चैन गर्म होती गई और कीथ को दिल के दौरे पड़ें. जब तक मशीन बंद करते तब तक कीथ की मौत हो चुकी थी. ये दर्दनाक हादसा न्यू यॉर्क में हुआ- बिग ऐपल ऑफ़ यूएसए.
ऐसा हादसा यदि भारत में हुआ होता तो ना जाने अब तक भारतीयों को क्या क्या तमगा मिल चुका होता! कीथ की रूह को यीशु अपनी शरण में लें… बीस पाउंड की चेन- ??? दो तोले की चेन पहनने में आफ़त आती है, ये आदमी बीस पाउंड की चेन पहने हुआ था!