August 5, 2025
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West Bengal शांतनु ने सवाल पूछा तो टीएमसी ने हटाया

कोलकाता केस- यह तो टीएमसी वाले सेन ही कह रहे हैं
ममता बनर्जी की सरकार ने कोलकाता रेप और हत्या के मामले में जिस तरह से आरोपियों को बचाने और पुलिस को निष्क्रिय बनाए रखने की नीति अपनाई उसे लेकर हर सवाल उठाने वाले के पीछे कोलकाता पुलिस पड़ गई है. सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा करने वालों को नोटिस भेजे जा रहे हैं और ट्वीट हटाने को कहा जा रहा है, यहां तक कि पुलिस सोशल मीडिया एनफ्लुएंसर्स को धमका भी रही है कि वे ट्वीट हटा दें वरना… जाहिर है यह एक अलग तरह का आतंक है कि इस घटना को लेकर ममता सरकार के खिलाफ एक भी शब्द कोई न बोल सके और अपने बचाव में तो पूरी सरकार उतर ही आई है. खुद ममता बनर्जी न सिर्फ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं बल्कि वो साथ में स्वास्थ्य मंत्रालय औार गृह मंत्रालय भी अपने पास ही रखती हैं. ऐसे में इस मामले से जुड़े सवालों के जवाब कायदे से तो उन्हें हीर देने चाहिए लेकिन उन्होंने खुद की जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए धरना प्रदर्शन देने की नीति अपना ली है.
इस बीच टीएमसी के प्रवक्ता शांतनु सेन को पार्टी ने सिर्फ इसलिए पद से हटा दिया है क्योंकि उन्होंने कोलकाता मामले में कुछ तथ्य सामने रख दिए थे और इसमें उनका सबसे बड़ा गुनाह यह था कि उन्होंने ममता के प्रिय और कर अस्पताल के मुखिया घोष बाबू पर सवाल उठा दिए.चूंकि शांतनु और उनकी पत्नी तो यहां से पढ़े ही हैं उनकी बेटी अभी भी यहां पढ़ रही है.इसी के चलते शांतनु को इस कॉलेज के कई मामले पता थे और उन्होंने इनके ही संदर्भ में घोष ही नहीं यहां काम कर रहे पूरे कॉकस को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. इसकी प्रतिक्रिया भी तुरंत आई और बिना देर किए ममता दीदी ने उन्हें पार्टी प्रवक्ता पद से हटा डाला. संदीप घोष को लेकर शांतनु ने कह दिया है कि पिछले तीन सालों से कॉलेज की हालत खराब होने के जिम्मेदार वे ही हैं वहीं शांतनु की पत्नी काकाली ने अपनी बिटिया के इस कॉलेज में नाइट ड्यूटी करने को लेकर चिंता जताई थी, इसके बाद न सिर्फ उन्हें प्रवक्ता पद से हटा दिया गया बल्कि कुछ टीएमसी वाले उनके खिलाफ भी बोलने खड़े हो गए.