Pakistan में जरदारी और शरीफ की विदाई तय, मुनीर की पूरी तैयारी
मुनीर को लेकर हलचल और बिलावल के बदलते बोल
बिलावल भुट्टो कुछ ही दिन पहले भारत के खिलाफ जहर उगलते पूरी दुनिया में घूम रहे थे और भारत को चेतावनी दे रहे थे कि यदि जल समझौते रद्द हुए तो खून की नदियां बह जाएंगी, अब अचानक उन्हीं बिलावल के तेवर इतने बदल गए हैं कि वो हाफिज सईद जैसों को भारत के हवाले करने की बात कर रहे हैं. बिलावल के इन बदले सुरों के पीछे क्या वजहें हैं यह समझने के लिए तना जानना ही काफी है कि सेना प्रमुख आसिम मुनीर लगातार ताकवर होते जा रहे हैं और बिलावल के अब्बा हुजूर यानी आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रपति पद से हटाने की सारी तैयारी वो कर चुके हैं.
बताया तो यह भी जा रहा है कि लगभग शून्य की जा चुकी शरीफ की कप्तानी यानी उनका पीएम पद भी छीनने का प्लान भी आखिरी दौर में है लेकिन इससे भी पहले जरदारी साहब को जीरो किया जाएगा और इसी के चलते छोटे साहब यानी जरदारी के बेटे बिलावल एक अलग ट्रैक अपना रहे हैं. बिलावल को ये संकेत तभी मिल गए थे जब व्हाइट हाउस में मुनीर को बुलाया गया था लेकिन प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति से बात करना ही ट्रंप ने उचत नहीं समझा, साफ था कि मुनीर को अमेरिकी सरकार भी स्टेट हेड मानती है. पिछले कुछ समय में या कहें ऑपरेशन सिंदूर में पिटने के बाद से मुनीर समझ गए हैं कि यदि पूरी सत्ता पर उन्होंने कब्जा नहीं किया तो उन्हें कभी भी बेदखल कर दिया जाएगा. पाकिस्तान के लिए अगले कुछ महीने खास होने वाले हैं क्योंकि बुर तरह पिटने के बाद भी खुद को फील्ड मार्शल बतौर तरक्की की जिद भी मुनीर ने इसीलिए की थी कि शरीफ या जरदारी इसमें रोक लगाने की कोशिश करें तो वो सीधी लड़ाई मोल लें लेकिन शरीफ ने कोई प्रतिरोध ही नहीं किया. अब मुनीर चाह रहे हैं कि पहले जरदारी को घर का रास्ता दिखाया जाए और उसके बाद शरीफ सरकार को उलटा जाए. मुनीर जो स्क्रिप्ट लिख रहे हैं उसमें पाकिस्तान के तानाशाही वाले काले इतिहास फिर लौट कर आने की पूरी संभावना नजर आ रही है. बस यह देखिए कि मुनीर इस सबके लिए सही समय किसे मानते हैं.