August 23, 2025
देश दुनिया

National Herald मामले में सारे सौदे फर्जी, कोई लेनदेन नहीं हुआ

राहुल और सोनिया गांधी की यंग इंडियन कंपनी में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी इसलिए उलझनें ज्यादा

नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने कोर्ट को बताया है कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के अधिग्रहण में जो लेन-देन की जो भी डीटेल्स दी गई हैं वो सभी फर्जी हैं. ईडी की तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि यंग इंडियन नामक कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के अधिग्रहण वाली बात में यह तथ्य भी है कि कंपनी को बनाया ही इस अधिग्रहण के लिए था.

एजेएल के डायरेक्टर ने ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी को पत्र लिखकर बताया था कि वे कर्ज चुकाने में अक्षम हैं क्योंकि अखबार बंद है और कोई इंकम सोर्स नहीं है. यंग इंडियन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा डायरेक्टोरल पदों पर थे. कंपनी ने एजेएल की 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति का सिर्फ 90 करोड़ रुपये के कर्ज में अधिग्रहण कर लिया जो सरासर धांधली है क्योंकि इसमें कोई वास्तविक लेन-देन हुआ ही नहीं. राजू का कहना है कि एजेएल का अधिग्रहण कांग्रेस करती तो भी बात समझ में आ सकती थी लेकिन यह यंग इंडियन ने किया जो सरासर साजिश थी.ईडी ने कांग्रेस के ब्याज और जमानत न देने के अलावा 90 करोड़ के कर्ज को पचास लाख में बेचने को भी उन्होंने गड़बड़ वाला मामला करार दिया. चूंकि यंग इंडियन में राहुल और सोनिया गांधी के पास इस कंपनी के 76 फीसदी शेयर हैं. 1938 में नेहरु ने नेशनल हेराल्ड चालू किया था जो 2008 तक कांग्रेस का मुखपत्र रहा लेकिन बाद में इसे कर्ज में उलझा बता कर बंद कर दिया गया. 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर धोखाधड़ी मानते ईडी ने इसकी जांच की तो सामने आया कि यह पूरा सौदा वाकई संदिग्ध और एकतरफा था.