July 18, 2025
तीज त्यौहार

रक्षाबंधन 2024 के शुभ मुहूर्त : 19 अगस्त को कौन से योग में कब से कब तक बांध सकते हैं राखी

-भाई और बहन के प्रेम को समर्पित प्यारा सा पर्व रक्षाबंधन इस बार 19 अगस्त श्रावण पूर्णिमा, सोमवार को मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन के त्योहार पर इस बार भद्रा का साया तो रहेगा लेकिन सिर्फ दोपहर 1:31 बजे तक ही, इसके बाद दिनभर राखी बांधी जा सकेगी।

ज्योतिषी और विद्वानों का मत है कि भद्रा का वास पाताल लोक में होने से यह अशुभ नहीं होता है। इस दिन से पंचक भी लग रहा है। 19 अगस्त को सुबह श्रवण नक्षत्र के बाद धनिष्ठा नक्षत्र लगने के कारण यह राज पंचक होगा और इसे अशुभ नहीं माना जाता है।

कई ज्योतिर्विद का कहना है कि भद्रा काल में श्रावणी उपाकर्म किया जा सकता है। इस पर रोक नहीं रहती। इस दिन ऋग्वेदी, यजुर्वेदी ब्राह्मण उपाकर्म करेंगे। दोपहर 1 बजे 31 मिनट तक भद्रा का प्रभाव रहेगा। इस दिन श्रवण नक्षत्र, पूर्णिमा और सोमवार होने से सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है साथ ही व्रत की पूर्णिमा भी इसी दिन रहेगी।

जानिए क्या होती है भद्रा

भद्रा,तिथि, वार, योग, करण और नक्षत्र मिलकर पंचांग बनाया जाता है। करण तिथि के आधे भाग को कहा जाता है। विष्टिकरण को ही भद्रा कहते हैं। इसे शनिदेव की बहन भी कहा गया है इसलिए रक्षाबंधन और होलिका दहन में भद्रा हो तो उसका निषेध माना गया है।

राखी के पूरे दिन शोभन योग, सर्वार्थ सिद्धि योग एवं रवि योग भी रहेंगे। यह योग भद्रा काल में होने से अधिक प्रभावी नहीं रहेंगे। सर्वार्थ सिद्धि सुबह 5:53 से 8:10 बजे तक रहेगा। रवि योग सुबह 5:53 से 8:10 बजे तक रहेगा।

रक्षा बंधन के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त

दोपहर 2:06 से रात 8:09 तक सर्वश्रेष्ठ रहेगा।

इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। माना जाता है कि इस योग में राखी बांधने से रिश्तों में मधुरता बनी रहती है।

raksha bandhan shubh muhurat 2024

भद्राकाल का समय
इस साल रक्षाबंधन के दिन भद्रा सुबह 5 बजकर 53 मिनट से आरंभ हो जाएगी, जो दोपहर 1 बजकर 32 मिनट पर समाप्त होगी।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 2024
पंचांग के अनुसार इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 01:30 से लेकर रात्रि 09:07 तक रहेगा। दोपहर 2:06 से रात 8:09 तक सर्वश्रेष्ठ समय रहेगा। इस मुहूर्त में आप भाई को राखी बांध सकती है।

भाई की कलाई पर राखी हमेशा सही विधि से बाधंनी चाहिए। इस दौरान सबसे पहले भाई को रोली, अक्षत का टीका लगाएं। भाई की दाहिने हाथ की हथेली में चांदी का सिक्का रखकर मुट्ठी बंधवाएं फिर भाई की कलाई पर राखी बांधें। इसके बाद उसे मिठाई खिलाएं। फिर भाई की आरती उतारे, और उसके सुखी जीवन की कामना करें। वहीं राखी बंधवाने के बाद भाई को अपनी बहनों के चरण स्पर्श करने चाहिए। उपहार अवश्य दें.

रक्षाबंधन का मंत्र
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि ,रक्षे माचल माचल:।