Woke Olympics महिला वर्ग में पुरुष को मिलेगा पदक
गलत जेंडर बताकर इमेन खलिफ ने अब हंगरी की महिला बॉक्सर को हराया
अल्जीरिया के मुक्केबाज इमेन खलिफ को ओलंपिक में एक पदक मिलना पक्का हो गया है क्योंकि उन्होंने हंगरी की महिला बॉक्सर एना लुका को भी हरा दिया है. इससे पहले उन्होंने इटली की एंजेला केरिनी को हराया था और भी से उनके जेंडर को लेकर चल रहा विवाद थमा नहीं है. इस बीच ओलंपिक ने अपने निर्णय को सही ठहराने के लिए इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन के पिछले साल के उस निर्णय को ही जल्दबाजी में लिया गया कदम बता दिया गया जिसमें लिन यू टिंग और इमेन को जेंडर टेस्ट में फेल होने पर प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया था. लिन यू टिंग भ्ली एक महिला को मुक्केबाजी में हरा कर आगे बढ़ा हैं.
ओलंपिक के इस बयान पर आईबीए ने कड़ी आपत्ति लेते हुए बताया है कि उसका इन दोनों बॉक्सर्स को बाहर रखने का फैसला बिलकुल सही था, तथ्यों पर आधारित था और पर्याप्त सोच विचार के बाद ही लिया गया था. ओलंपिक समिति ने इस बीच कई लोगों को सोशल मीडिया पर यह बताने के लिए प्रेरित किया है कि इमेन का एक्सवाई क्रोमोसोम वाला होना ही उन्हें पुरुष नहीं बनाता बल्कि इसके लिए और भी कई बॉयोलॉजिकल फैक्टर जिम्मेदार होते हैं. वहीं इस तथ्य को नकारते हुए एक ही तथ्य दिया जा रहा है कि यह महिलाओं का मुकबाला है तो इसमें सिर्फ एक्सएक्स क्रोमोसाेम वाले खिलाड़ियों को ही होना चाहिए बाकी किसी तर्क की कोई गुंजाइश ही नहीं बनती. इमेन से मुकाबले में उतरी लुका ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में मुकाबले से पहले ही एक केरिकेचर डाला जिसमें वो एक भयावह दैत्य से लड़ते नजर आ रही हैं लेकिन उन्होंने यह तय किया कि वो ओलंपिक की ज्यादती दिखाने के लिए ही सही रिंग में जरुर उतरेंगी जबकि उनका हारना तय है क्योंकि मुकाबला बराबरी का है ही नहीं.