April 19, 2025
Youth

Olympics में नंबर वन को जब मिलता था चांदी का मैडल

ओलिंपिक में अव्वल, तो चांदी और लकड़ी
ओलिंपिक को लेकर यदि सवाल पूछा जाए कि इसमें प्रथम आने वाले को क्या मिलता है तो आप तुरंत कहेंगे स्वर्ण पदक लेकिन रुकिए, एक ऐसा भी समय था जब पहले स्थान पर आने वाले को सोने का एक अंश भी नहीं मिलता था और उसे चांदी का पदक ही दिया जाता था.

मॉडर्न ओलिंपिक्स कहे जाने वाले 1896 में एथेंस में जब प्रतियोगिताएं हुईं तो जो पहले स्थान पर आए थे उन सभी विजेताओं को रजत पदक दिए गए थे यानी तब पहले स्थान वालों को सोने का मैडल देने की बात तक नहीं आई थी लेकिन ऐसा नहीं कि सिर्फ रजत पदक दे दिया जाता हो, इसके साथ होती थी जैतून की लकड़ी की ठीकठाक मोटी डाली और आप अव्वल रहे इस बात का डिप्लोमा भी साथ में प्रदान किया जाता था.यह तो हुई पहले स्थान की बात, जो दूसरे नंबर पर होते थे उन्हें तांबे का मैडल मिलता था और डिप्लोमा भी साथ होता था लेकिन जो चीज फर्क डालती थी वह यह कि दूसरे नंबर वाले को जैतून यानी ओलिव की लकड़ी न देकर लॉरेल की लकड़ी दी जाती थी. मैडल का आकार दोनों का समान ही होता था और दोनों पर एक ओर ग्रीक देवता ज्यूस का चेहरा और दूसरी तरफ एक्रोपोलिस का निशान बना होता था.