EV में 93 प्रतिशत हिस्सा दो और तीन पहिया गाड़ियों का
सरकार चाहती है कि 2030 तक कुल वाहनों की तीस प्रतिशत ईवी हो जाए
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल तेजी से लोगों की पसंद बनते जा रहे हैं. माना जा रहा है कि अगले सात साल में 30 प्रतिशत कारें और 80 तक दोपहिया वाहन ईवी हो जाएंगे. इंडिया एनर्जी स्टोरेज अलायंस (आईईएसए) और कस्टमाइज्ड एनर्जी सॉल्यूशंस (सीईएस) ने इस तरह के आंकड़े सामने रखते हुए कहा है कि 2032 तक देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 12.3 करोड़ तक हो जाने वाली है. खुद सरकार भी चाहती है कि अगले पांच सालों में यानी 2030 तक देश में चल रहे कुल वाहनों का 30 प्रतिशत तक तो ईवी हो ही जाए.
फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में देश में कुल 19.66 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) बिकीं जिनमें से 58 प्रतिशत टू-व्हीलर रहे, 35 प्रतिशत थ्री-व्हीलर रहे यानी जो ईवी बिक रही हैं उनमें चार पहिया के बजाए दो पहिया और तीन पहिया वाहनों का प्रतिशत 93 तक पहुंच गया है जबकि चार या इससे ज्यादा पहिया वाले वाहनों जैसे कार, बस वगैरह मिलाकर सात प्रतिशत ईवी ही बिकी हैं. पिछले साल तक देश की सड़कों पर 2.20 लाख इलेक्ट्रिक कारें थीं. वित्त वर्ष 2024-25 में 11.50 लाख इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर, 6.99 लाख इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर और 1.07 लाख इलेक्ट्रिक कारें बिकीं.