August 7, 2025
लाइफस्टाइल

AI से फिर लौट आए इंसान कर्मचारियों पर

क्लार्ना कंपनी ने एआई पर भरोसा कर दो हजार से ज्यादा कर्मी हटा दिए लेकिन अब करना पड़ रही है भर्ती
अभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का शैशव काल ही कहा जा रहा है और इसने पूरी दुनिया में धूम मचा रखी है. जब स्वीडन की फिनटेक कंपनी क्लार्ना को लगा कि उसके अधिकतर काम ऐसे हैं कि इन्हें एआई को सौंपा जा सकता है तो उसने 2023 में अपने लगभग आधे कर्मचारियों को हटाने का फैसला करते हुए उन्हें पिंक स्लिप पकड़ा दी. क्लार्ना ने ओपनएआई के साथ एआई कस्टमर सर्विस के एसिस्टेंट की सुविधाएं लेना शुरु कीं और भरोसा यह था कि मार्केटिंग के साथ कस्टमर केयर वाले जॉब ऑटोमेटेड हो जाएंगे. ओपनएआई ने सर्विस देते समय वादा कर दिया था कि उनका सिस्टम 700 कर्मचारियों के बराबर की प्रोडक्टिविटी तो दे ही देगा. इस वादे पर क्लार्ना ने भरोसा कर अपने कर्मचारियों को धड़ाघड़ नौकरी से हटाया और साढ़े पांच हजार से ज्यादा की वर्कफोर्स को साढ़े तीन हजार से भी कम कर डाला लेकिन एआई की सर्विस कंपनी की उम्मीद पर खरी नहीं उतरी और आखिर कंपनी ने फिर लोगों को काम पर रखने के लिए भर्तियां शुरु कर दी हैं.

क्लार्ना के सीईओ तो यहां तक कहते हैं कि कर्मचारियों पर भरोसा न कर एआई को प्रमुखता देना हमारी बड़ी गलती थी और इसने हमारी कंपनी की गुणवत्ता को भी खराब कर दिया. जो आकलन क्लार्ना ने किया है उसका नतीजा यह निकला है कि एआई से काम के समय में जरुर बचत देखी गई भले ही वह तीन प्रतिशत की मामूली बचत ही क्यों न हो लेकिन आर्थिक तौर पर देखें तो यह नुकसान का ही सौदा रहा क्योंकि वेतन से ज्यादा खर्च दूसरे होने लगे. कमोबेश यही बात अमेरिका का नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च ने भी कही है और वह यह बात 25 हजार कर्मचारियों पर स्टडी करने के बाद बता रहा है. क्लार्ना ने तो एआई की इंटरेक्शन क्वालिटी से लेकर हर प्रदर्शन को नेगेटिव रैंकिंग दी है और माना है कि इंसानी समझ और इमोशनल इंटेलिजेंस कुछ मामलों में तो बेहद जरूरी हैं.