July 9, 2025
देश दुनिया

National Herald और कांग्रेसी उलझे, करोड़ों का डोनेशन सवालों में

पवन बंसल, रेवंत रेड्‌डी (सीएम तेलंगाना), डीके शिवकुमार (डिप्टी सीएम कर्नाटक) जैसे नाम भी ईडी की चार्जशीट में शामिल

नेशनल हेराल्ड केस में अब और नए खुलासे हो रहे हैं. जो चाार्जशीट दायर हुई है उसमें ईडी ने दूसरे कांग्रेसियों के भी नाम लिए हैं जिसमें तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्‌डी, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और पवन बंसल के भी नाम हैं. इसके अलावा कुछ विधायकों और अब पूर्व विधायक हो चुके कांग्रेसी नेताओं के भी नाम इस बात के लिए ईडी ने सामने रखे हैं कि इन्होंने यंग इंडियन को काफी सारा पैसा दिया जबकि इस कंपनी का अधिकतर हिस्सा सोनिया व राहुल गांधी के पास है. यंग इंडियन ही वह कंपनी है जिसने एजेएल यानी एसोसिएटेड जर्नन्स को महज कुछ लाख रुपए का सौदा दिखाकर खरीद लिया था और इसकी करोड़ों की संपत्ति पर कब्जा कर लिया था.

ईडी का कहना है कि रेवतं रेड्‌डी ने 2022 में अपने कुछ साथी विधायकों (रेवंत भी तब विधायक ही थे) से यंग इंडियन कंपनी को पैसा देने को कहा था तो अनिल कुमार, मोहम्मद अली शब्बीर जैसे नेताओं ने बीस बीस लाख रुपए दिए इसी तरह तेलंगाना के नेता पी सुदर्शन ने भी रेवंत के कहने पर पंद्रह लाख रुपए भिजवाए थे. जे गीता रेड्‌डी तब तेलंगाना कांग्रेस में पद पर थीं और उन्होंने 25 लाख रुपए पहुंचाए. यानी अकेले रेवंत रेड्‌डी के कहने पर तेलंगाना जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य के चार नेताओं ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को 80 लाख रुपए पहुंचा दिए. कर्नाटक में तो पवन बंसल के कहने पर डीके शिवकुमार और डीके सुरेश और उनसे जुड़ी संस्था जैसे तीन चार नामों ने ही 5.8 करोड़ का डोनेशन यंग इंडिया को दे डाला. ईडी का कहना है कि यह जितना भी पैसा था वह सब मनी लांड्रिंग के लिए था और प्रकारांतर से वह सोनिया और राहुल गांधी के पास ही पहुंचा. रेवंत रेड्‌डी पर पहले भी आरोप लग चुके हैं कि वो दिल्ली में पैसा देकर पद खरीद लाते थे और जब उन्हें मुख्यमंत्री का पद दिया गया तब भी यही कहा गया कि इस बार तो वो सीएम का पद भी पैसे से खरीद लाए हैं. अब उनका नाम चार्जशीट में आना और उनके निर्देश पर नेताओं से लाखों का डोनेशन यंग इंडियन को मिलना उन अटकलों को भी हवा दे रहा है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को पैसे देकर पद खरीदने वाले आरोप भी सही हो सकते हैं. जानकारों का कहना है कि डोनेशन दिया जाना कतई गैर कानूनी नहीं है लेकिन यदि ईडी यह बताने में सफल रहती है कि ये सारे डोनेशन और यंग इंडियन का नेशनल हेराल्ड को चलाने वाले एजेएल को खरीदना एक बड़े षडयंत्र का हिस्सा था तो जरुर सोनिया और राहुल के लिए मुश्किलें ज्यादा होंगी, इस मामले में यह साफ हो ही चुका है कि पीएमएलए के तहत होने के नाते इस पर आने वाले दिनों में सतत सुनवाई होगी.