Rashid की क्रूरता, सेक्युलरिज्म का हेवी डोज और द वायर की जांच
सेक्युलर होने की हद की लड़की ने सिर्फ इसलिए चुप्पी रखी कि कहीं किसी दूसरे पक्ष को मसाला न मिल जाए
गुमनाम तरह से अपनी बात रखते हुए एक लड़की ने बताया कि किस हद तक क्रूर है रशीद
सेक्युलर कहलाने का पागलपन कितना हो सकता है यह इस बात से समझा जा सकता है कि ‘द वायर’ के लिए काम करने वाले उमर रशीद की क्रूरता सहने के बाद भी एक लड़की इसलिए चुप रही कि कहीं इससे राष्ट्रवादी ताकतों को कोई मसाला न मिल जाए जबकि रशीद ने ऐसी कोई क्रूरता नहीं बची जो इस लड़की से न की हो. सोशल मीडिया पर अति हो जाने के बाद अपनी बात डालते हुए भी इस लड़की ने गुमनाम रहना पसंद किया और साथ ही यह भी कह दिया कि इसे सांप्रदायिक रंग न दिया जाए.
लड़की के आरोप इतने गंभीर हैं कि एक सभ्य समाज में उसे बाहर रहने की इजाजत ही नहीं दी जा सकती. इस लड़की ने यह भी बताया है कि रशीद उसे रोज बीफ खाने पर मजबूर करता था ताकि उसके सेक्युलर होने का सबूत रोज मिल सके लेकिन खुद कभी उसने सेक्युलर दिखने के लिए बीफ नहीं खाया. उमर पर सीधे आरोप में इस लड़की ने कहा कि उसे इस हद तक मारा जाता था कि वह हाथ पैर जोड़कर माफी मांगती थी और हर बार उसका ऐसा करता हुए वीडियो बना लिया जाता था. बर्बर तरीके से रेप करते हुए रशीद लड़की की मां के बारे में अपनी रेप करने की कल्पना के बारे में बताता था. उमर रशीद लगाताार द वायर के लिए लिखता है और खुद को प्रोग्रेसिव कश्मीरी मुस्लिम बताता है लेकिन यह लड़की कहती हे कि रशीद के कई लड़कियों सहित अन्य लोगों से संबंध थे जिसके चलते उसे बार बार सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शंस का ईलाज भी कराना पड़ा. इस गुमनाम रहने वाली लड़की ने कहा है कि रशीद ने उसकी हर वह पसंदीदा या ऐसी चीज जो किसी ने गिफ्ट की हो वह तोड़ दी ताकि वह क्रूर तरीके से इस बात का आनंद ले सके कि दुनिया में उसका कोई संबंध ठीक नहीं बचा है. रशीद इस हिंसक तरीके से उसका रेप करता था कि वह डरकर कई बार बाथरुम में छुपती थी. बेहद बुरे व्यवहार वाले रशीद के बारे में बताने के बाद यह लड़की यह भी कह रही है कि इसे सांप्रदायिक तरीके से न देखा जाए बल्कि इसी तरह देखा जाए कि कैसे एक लड़की कार्यस्थल पर अपने से बड़े किसी रसूख वाले का शिकार हो जाती है हालांकि इस लड़की ने यह नहीं बताया कि उसे खुद को सेक्युलर सिद्ध करने के लिए रोज बीफ ही क्यों खिलाया जाता था जबकि वो खुद बता रही है कि मुझे रोज इसके बाद वोमिट हो जाती थी. अब इससे भी मजेदार बात यह सामने आई है कि द वायर ने कहा है कि वह इस मामले की जांच करेगा और तय करेगा कि क्या कार्रवाई की जा सकती है. दुनियाभर में प्रोपेागैंडा फैलाने वाले द वायर के महारथी यह तो जानते ही होंगे कि ऐसे मामलों में लड़की को न्याय दिलाने की पहली सीढ़ी ही यह है कि बाकायदा एफआईआर कराई जाए लेकिन यहां तो द वायर खुद ही जांच करने की बात कह रहा है और सजा भी खुद ही तय करने का मन है. द वायर जैसे संस्थान क्या जांच करेंगे और क्या निर्णय लेंगे यह तो आप समझ ही सकते हैं.