June 27, 2025
देश दुनिया

Cease fire संघर्ष विराम के बाद गरजते बरसते जेट शांत हुए

डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर बताया कि पाकिस्तान ने लगाई थी गुहार

वेंस के भारत दौरे के समय से ही यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि भारत को पाकिस्तान से अपना बदला लेने की सीमित छूट मिली है और ट्रंप ने यही संदेश पहुंचाया है कि ज्यादा नहीं पीटना है लेकिन सबक तो सिखा ही दिया जाए. जब भारत ने आईपीएल को एक सप्ताह रद्द करने की बात की तो समझने वाले समझ गए थे कि इसका अर्थ क्या है. दस मई को साढ़े तीन बजे बाद तोपों के मुंह घुमाने, जेट फाइटर्स को जमीन पर ही बनाए रखने और ड्रोन्स को अपनी ही हद में रोक देने की बात पूरी हुई और अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पाक के बीच संघर्ष के विराम का ट्वीट कर दिया. पांच बजे शाम तक यह लागू भी हो गया, यह अलग बात है कि कुछ जगहों पर देर रात नौ बजे तक पाकिस्तान के कुछ कमांडर्स अपनी मनमानी करते रहे और भारत पर हमले भी जारी रहे लेकिन उन्हें नाकाम होना ही था. भारत के एक सैन्य ठिकाने पर हमले का हिसाब पाकिस्तान से मांगा जाएगा और हो सकता है वह बहाने जैसा कुछ बना भी दे लेकिन मोटे तौर पर वह संघर्ष विराम हो गया है जिसकी तीन चार दिन बाद होने की उम्मीद की जा रही थी.

कुछ लोग हैं जिन्होंने 22 अप्रैल के बाद हंगामा करना शुरु किया था कि बदला क्यों नही लिया जा रहा, वही लोग पाकिस्तान पर हमला होते ही हमलावर तरीके से शांति शांति चिल्लाने लगे थे और अब जब अपेक्षाकृत शांति हो गई है तब वो कह रहे हैं कि ये क्या बात हुई युद्ध रोक क्यों दिया, 56 इंच का सीना तो छह इंच का भी नहीं निकला, इन लोगों को भूल ही जाएं क्योंकि इन्हें हर बात का विरोध करने का पैसा मिलता है लेकिन यह सच है कि इस बार का जो अंदाज था, ऑपरेशन सिंदूर का जो हाइप था वह यहां तक उम्मीद जगा रहा था कि शायद एलओसी और इंटरनेशन बॉर्डर वाला पंगा ही इस बार खत्म हो जाए यानी पीओके कहे जाने वाला हमारा हिस्सा हमें मिल जाए और थोड़ा सा पुश कर दें तो शायद बलूचिस्तान का जन्म भी इस बार देखने को मिल ही जाए. जो यहां तक की उम्मीदें लिए बैठे थे वे जरुर कुछ निराश हुए होंगे लेकिन जो जियो पॉलिटिक्स के समझने वाले लोग हैं उन्हें इस पूरे घटनाक्रम में कुछ भी अप्रत्याशित जैसा नहीं लगेगा बल्कि वे इसे इस नजरिए से देखना पसंद करेंगे कि इसमें चीन का क्या दांव पर लगा है, पाकिस्तान के अंदर अब क्या हालात बनने वाले हैं, भारत की ताकत विश्व स्तर पर कितनी ऊंची या नीची हुई है और ट्रंप भारत के लिए युद्ध रोक देने के एवज में क्या क्या करने को तैयार होंगे. संघर्ष विराम के उल्लंघन की खबरों के बीच भारत ने साफ किया है कि वह सिंधु जल समझौते पर अपना रुख नहीं बदलने वाला है हालांकि अंतरराष्ट्रीय दबाव यदि काम कर ही रहा है तो हो सकता है इस फैक्टर पर भी उसका असर नजर आए. जो संघर्ष विराम आपको या हमको ‘अचानक’ हुआ लग रहा है वह शायद पूरी पृष्ठभूमि के साथ और तयशुदा संवादों के साथ पूरा हुआ है. वैसे जंगल के जानकार तो यही कहते हैं कि सांप को अधमरा कभी नहीं छोड़ना चाहिए…