China का मून मिशन, 2 किलो मिट्टी के सैंपल लाया
चीन का मून मिशन चांद की सतह से मिट्टी लेकर धरती पर पहुंच गया है. वह ऐसा पहला देश बन गया है, जो चांद के अंधेरे हिस्से से सैंपल लाने में सफल रहा है. चीनी नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन का चैंग’ई-6 लैंडर 53 दिन बाद कैप्सूल में सैंपल लेकर धरती पर लौटा है. चीन ने 3 मई को चैंग’ई-6 मिशन लॉन्च किया था. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, इस प्रोब का लक्ष्य चांद के सबसे दूर वाले अंधेरे हिस्से पर जाकर सैंपल इकट्ठे करके इन्हें धरती पर भेजना था. चीन ने 2030 तक इंसान को चांद पर भेजने का लक्ष्य रखा है. यह मिशन भी उसी टारगेट का हिस्सा है. अभी तक चांद पर जा चुके सभी 10 लूनर मिशन पास वाले हिस्से पर ही पहुंचे हैं. इनमें भारत और अमेरिका भी शामिल हैं. ऐसे में चांद ने फार साइड से सैंपल लाकर स्पेस रेस में अमेरिका को कड़ी
चुनौती दी है.
इस हिस्से पर रिसर्च बेस बनाना चाहता है चीन सीएनएन के मुताबिक, चैंग’ई-6 का री-एंट्री मॉड्यूल चीन के उत्तरी हिस्से में मंगलवार सुबह 11:30 बजे (भारतीय समय के मुताबिक) लैंड हुआ. इसके बाद एक सर्च टीम कुछ मिन टों के अंदर इस मॉड्यूल तक पहुंच गई. चीन के वैज्ञानिकों ने मिशन के सफल होने की जानकारी दी. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि इस मिशन की सफलता चीन के सपने को सच करने में मील का पत्थर साबित होगी. इसके जरिए चीन स्पेस पावर बनने के और करीब पहुंच गया है. इंसानों को भेजने के अलावा चीन 2030 तक चांद के साउथ पोल पर एक रिसर्च बेस बनाना चाहता है.दरअसल, अब तक की रिसर्च में संभावना जताई गई है कि चांद के इस हिस्से पर बर्फ के तौर पर पानी मौजूद है. अमेरिका भी चांद के इसी हिस्से पर अपना बेस बनाना चाहता है. रिपोर्ट के मुताबिक, चैंग’ई-6 मिशन अपने साथ चांद की सतह से 2 किलो मिट्टी लेकर लौटा है. चांद की सतह से सैंपल इकट्ठे करने के लिए ड्रिल और रोबोटिक आर्म का इस्तेमाल किया गया था. इसके जरिए चांद पर मौजूद 4 अरब साल पुराने क्रेटर से मिट्टी निकाली गई. इसके बाद सैंपल को एक कै प्सूल में डालकर री- एंट्री व्हीकल में ट्रांसरर किया गया. चीन के वैज्ञानिक अब सैंपल पर रिसर्च करेंगे. इस दौरान चांद के साथ ही धरती और सोलर सिस्टम के बनने को लेकर स्टडी की जाएगी. चीन की रिसर्च पूरी होने के बाद इसे दूसरे देशों से साझा किया जाएगा.