Kejriwal सरकार के हर काम में करोड़ों के घपले में मिल रहे
स्कूलों के कमरों से लेकर बस परिवहन तक हर जगह मिल रही हैं गड़बड़ियां, प्रोजेक्ट की लागत से पांच गुना विज्ञापन पर खर्च
केजरीवाल ने दिल्ली में सीएम रहते हुए जो वादे किए और जिन कामों के लिए करोड़ों रुपए के विज्ञापन दिए उन सबकी हकीकत एक एक कर अब सामने आ रही है. शिक्षा के जिस मॉडल में उन्होंने कि 20 हजार स्कूली कमरे यानी क्लासरुम बनाने की बात कही थी उनमें से मौजूदा सरकार को सिर्फ 7 हजार कमरे ही मिले हैं. भाजपा दिल्ली सरकार के मंत्री ने बताया है कि केजरीवाल सरकार ने स्टोररूम, किचन जैसे हिस्सों को भी क्लासरुम बता कर प्रचार किया, यहां तक कि स्कूल के शौचालय भी क्लासरुम में ही गिने गए. केजरीवाल ने एक हैप्पीनेस करिकुलम से पाठ्यक्रम लागू किया था, इस प्रोजेक्ट पर 4 करोड़ खर्च हुए लेकिन इसके प्रचार पर प्राजेक्ट से पांच गुना ज्यादा यानी 20 करोड़ का खर्च किया गया. कई मामलों में तो जो कमरे बनाए ही नहीं गए उनका भी पैसा खजाने से निकाल दिया गया.
यह तो सिर्फ शिक्षा की बात है, परिवहन में आप सरकार ने डीटीसी का भट्ठा बैठा दिया. डीटीसी को 7471 करोड़ का कम्युनिटी लॉस और 14198 करोड़ का ऑपरेशनल लॉस करने वाला कॉरपोरेशन बना दिया गया. 814 में से सिर्फ 468 पर बसें चलाए जाने के निर्णय से भी डीटीसी को 668 करोड़ का नुकसान हुआ. 2015 में दिल्ली में 4544 बसें लोकल ट्रांसपोर्ट के लिए थीं लेकिन 2023 तक ये लगातार घटाई गईं और 11 हजार बसों की जरुरत वाली दिल्ली के पास सिर्फ 3937 बसें रह गईं. मजे की बात यह कि केंद्र के 233 करोड़ रुपए बस खरीदने के लिए रखे थे लेकिन बसें नहीं ली गईं. DTC के शेयर बेचे जाने को लेकर भी शिकायतें हैं कि एक प्राइवेट कंपनी को सरकार ने काफी कम में ये दे डाले. सुरक्षा के लिए जिन कैमरों को लगाए जाने की बात थी उनमें भी घपले की बात सामने आने पर रेखा गुप्ता सरकार ने तय किया है कि इसकी भी जांच कराई जाएगी.