Election 2024; निरंकुश न हों इसलिए इंडी के हाथ में अंकुश दे दिया मतदाता ने
लोकसभा चुनाव के परिणाम भले कुछ लोगों के लिए ये चौंकाने वाले रहे हों लेकिन इसमें मतदाताओं ने बता दिया है कि वह जागरूक है, सचेत है, और जिम्मेदार भी. भाजपा के लिए साफ संदेश है कि वे अपने अहंकार से बाहर न आए तो नकारे जाने की कगार से वे दूर नहीं हैं. एक्जिट पोल जिस तररह फेल हुए वे बताते हैं कि मतदाता चुप रहकर कड़ा फैसला ले सकता है. जिस मोदी मैजिक की दुहाई दी जाती थी मतदाता उससे भी प्रभावित नहीं हुआ बल्कि उसे ही कम कर डाला. चार सौ पार का नारा दे रही पार्टी बहुमत वाला 273 का आंकड़ा नहीं छू सकी. तीसरी बार जीतकर भी भाजपा को जो झटका मिला है वह समझ रखने वाली पार्टी को सुधरने के लिए पर्याप्त होना चाहिए. उम्मीद करें कि भाजपा ठहरकर सोचेगी और दिशा को लेकर सही सही कंपास चुनेगी. इंडी के लिए भी मतदाता का रुख साफ है कि वह अभी भी इसे शासन के काबिल नहीं मानती और जानती है कि इंडी के जुड़ने का मूल सकारात्मक राजनीति न होकर मोदी को हराने की नकारात्मक राजनीति है. इंडी को जो बढ़ी हुई सीटें जनता ने दी हैं वे निरंकुश हो जाने की संभावना को नकारने के अंकुश बतौर हैं. इंडी के पास न आंकड़ा है और न ऐसा कॉमन एजेंडा जो जनता के लिए काम का हो लेकिन एनडीए के पास आंकड़ा होकर भी वह साहस अब नहीं बचेगा कि वह निरंकुश फैसले ले सके.