April 19, 2025
लाइफस्टाइल

Light को आकार दे रहे वैज्ञानिक, बदल जाएगी दुनिया

न्यूटन और आइंस्टीन के समय से चल रही बहस को मिल सकता है विराम

इटली की यूनिवर्सिटी ऑफ पाविया की एक टीम ने कहा है कि प्रकाश भी ठोस हो सकता है. प्रकाश को लेकर न्यूटन के समय से यह सवाल उठ रहा है कि प्रकाश कण है या तरंग. न्यूटन प्रकाश को कणों से बना मानते रहे लेकिन आइंस्टीन का कहना था कि प्रकाश कण और तरंग, दोनों तरह से काम कर सकता है. आइंस्टीन ने यह भी कहा कि यदि पदार्थ के द्रव्यमान से ऊर्जा बनती है तो ऊर्जा से पदार्थ भी बन सकता है. बाद में यह तो साफ हुआ कि यूरेनियम जैसे पदार्थ से ऊर्जा बना सकते हैं लेकिन इससे कोई ठोस पदार्थ नहीं बनायाय जा पा रहा था. अब नेचर पत्रिका में छपे एक शोध के मुताबिक प्रकाश को एक ‘सुपर सॉलिड’ पदार्थ में बदलने में सफलता मिल रही है और इस पदार्थ को ‘सुपर सॉलिड लाइट’ नाम दिया गया है. सुपर सॉलिड में पदार्थ के परमाणु ठंडे होते हुए क्वांटम अवस्था में पहुँच जाते है. यानी पदार्थ होता तो ठोस है लेकिन उसकी संरचना द्रव की तरह होती है जो बहता रहता है. इस प्रयोग के लिए वैज्ञानिकों ने प्रकाश पर खास क्वांटम तकनीक से गैलियम आर्सेनाइड में माइक्रोस्कोपिक रिज से फोटॉन को नियंत्रित कर सुपर सॉलिड बनाया गया.
यह रिसर्च क्वांटम कंप्यूटिंग को आसान बनाते हुए सेमी कंडक्टर, स्पेस रिसर्च, टेक्नोलॉजी, स्वास्थ्य, साइबर सुरक्षा के साथ अन्य रिसर्च में क्रांति ला सकती है. कई तकनीकी बदलाव ला सकती है. इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और अत्याधुनिक ऑप्टिकल की नई दुनिया खड़ी कर सकती है. अत्यधिक शक्तिशाली प्रोसेसर दे सकती है. डाटा ट्रांसफर कई गुना तेज कर सकती है. सुपरफास्ट इंटरनेट दे सकती है. पैथालॉजी और एमआरआई और अल्ट्रासाउंड जैसी जाँच सुविधाओं को सटीक बना सकती है. ऊर्जा उत्पादन और भंडारण के नए विकल्प दे सकती है. बिजली की खपत कम कर सकती है. जिस प्रकाश को हमें सिर्फ देखने भर से ही गर्मी महसूस होने लगती है, उसे ठोस में बदला जाएगा तो दुनिया की कई चीजों की तस्वीर ही बदल जाएगी.