April 19, 2025
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चैत्र नवरात्रि 2025… क्या है इस नवरात्रि में विशेष

30 मार्च से शुरु होगी नवरात्रि, समापन 5 अप्रैल को

चैत्र नवरात्रि उत्सव 2025 का आरंभ 30 मार्च से होगा और इसकी पूर्णाहुति राम नवमी यानी 7 अप्रैल को होगी. इस दौरान शक्ति के 9 रूपों की पूजा करते हुए नौ दिनों तक उपवास रखा जाता है. मान्यता है कि नवरात्रि में मां के पूजन से घर में सुख, समृद्धि आती है. इस नवरात्रि की शुभ तिथियां और उनका महत्व व अन्य महत्व की जानकारियां निम्न हैं.
हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र नवरात्रि के पहले दिन से ही होती है. यह पर्व गुड़ी पड़वा के नाम से बेहद उत्साह से मनाया जाता है. 2025 में चैत्र नवरात्रि की शुभ तिथियां और महत्व देखें. चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 29 मार्च को शाम 4:27 बजे शुरू होगी, यह 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी. इसलिए चैत्र नवरात्रि का आरंभ और गुड़ी पड़वा 30 मार्च से शुरू होगी. नवरात्रि में यह देखा जाता है कि मां किस वाहन पर सवार होकर आ रही हैं, इस बार की चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं. मां की हाथी की सवारी पर आना शुभ माना जाता है. मां हाथी पर ही सवार होकर प्रस्थान करेंगी.
चैत्र नवरात्रि तिथि एवं तिथियां
30 मार्च 2025 – देवी शैलपुत्री (प्रतिपदा तिथि)
31 मार्च 2025 – देवी ब्रह्मचारिणी (द्वितीय तिथि)
01 अप्रैल 2024 – देवी चंद्रघंटा (तृतीय तिथि)
02 अप्रैल 2024 – देवी कुष्मांडा (चौथा दिन)
03 अप्रैल 2024 – देवी स्कंदमाता (पांचवां दिन)
04 अप्रैल 2024 – देवी कात्यायनी (छठा दिन)
05 अप्रैल 2024 – देवी कालरात्रि (सातवां दिन)
06 अप्रैल 2024 – देवी महागौरी (अष्टमी तिथि)
07 अप्रैल 2024 – देवी सिद्धिदात्री (नौवां दिन)
चैत्र नवरात्रि का महत्व
चैत्र नवरात्रि का नौ दिनी पर्व चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है. हिंदू नववर्ष चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा यानी गुड़ी पड़वा से शुरू होता है. चैत्र नवरात्रि आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए है. इस दौरान शक्ति की पूजा पूरे नौ दिनों तक होती है. इसे चैत्र नवरात्रि भी कहा जाता है.