August 1, 2025
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Congress राधिका का बाहर जाना कांग्रेस के लिए नया नहीं है…

कांग्रेस से बाहर आने वाली राधिका खेड़ा ऐसी पहली नहीं हैं. राधिका से पहले प्रियंका चतुर्वेदी भी कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से इसीलिए हटीं कि उनसे छेड़खानी करने वाले कांग्रेसियों को सजा के बजाए ईनाम ही मिला. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस के सनातन विरोध के चलते पार्टी छोड़ी. रोहन गुप्ता से लेकर गौरव वल्लभ तक ऐसे कई नाम आपको इस सूची में मिल जाएंगे जिनका आरोप यही हे कि न तो महिलाओं का सम्मान है और न सनातन के प्रति कतई झुकाव. राधिका कांग्रेस में ऐसे ऐसे पद संभाल चुकी हें जिनको महत्वपूर्ण माना जाता है और जिन पर रहने वालों का सीधा संपर्क राहुल और प्रियंका से भी रहता है. 22 साल कांग्रेस के साथ जुडे रहने में लगभग दस साल वो कोर टीम में रहीं यानी कांग्रेस की रणनीतिक टीम. जब राधिका कहती हैं कि उन्हें कमरे में बंद कर दिया गया और बहुत बुरा सुलूक किया गया और वजह सिर्फ यह कि उन्होंने अयोध्या राम मंदिर जाकर दर्शन करने का ‘पाप’ किया था. हर व्यक्ति अपनी आस्था के अनुरूप धर्म को मान सकता है लेकिन पार्टी कार्यालयों से गेट आउट कहा जाने लगा. राधिका ने अलग काम यह किया कि पार्टी छोड़ने से पहले हर स्तर पर बात पहुंचाने की कोशिश की. हालांकि न उन्हें न्याय की उम्मीद थी, न सोनिया, राहुल और खड़गे की चुप्पी टूटी न प्रियंका उनकी तरफ से लड़ने ही सामने आई हैं. राधिका ने एक भी ऐसा बयान नहीं दिया जिससे लगे कि वो मुस्लिम विरोधी हैं.
दरअसल कांग्रेस का एजेंडा क्या है यह समझना किसी के लिए भी मुश्किल है चाहे वो राधिका जैसी 22 साल कांग्रेस में गुजार चुकी नेता ही क्यों न हों. राममंदिर पर फैसला न आने देने के लिए कांग्रेस ने कपिल सिब्बल जैसे दर्जनों वकीलों को खड़ा किया था. फिर भी अब दुनिया से करोड़ों लोग रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में राधिका भी अयोध्या गयी थी. कभी कांग्रेस के लिए फायर ब्रांड आचार्य प्रमोद ने कहा था कि कांग्रेस पर मुस्लिम समर्थकों और कम्युनिस्टों का कब्जा है. ये कांग्रेस को सनातन से दूर ले जाते हैं.