June 21, 2025
Entertainment

HeeraMandi के ‘सूफियाना कस्टर्ड’ का मजाक बना रहे नेटिजन

संजय लीला भंसाली ने ओटीटी के लिए हीरामंडी बना ली और कुछ लोगों को यह पसंद भी आई लेकिन ऐसे भी नेटिजंस हैं जो इसकी सोशल मीडिया पर जमकर धुलाई कर रहे हैं. यहां तक कि लेाकेशन से लेकर उस समय की बिल्डिंग और कॉस्ट्यम तक को लेकर कहा जा रहा है कि इन पर भंसाली थोड़ी मेहनत कर लेते तो पता चलता कि जो दिखा रहे हें वो सही नहीं है. इसके संवादों को लेकर भी प्रतिक्रियाओं में यही कहा जा रहा है कि जो भाषा इसमें बताई गई है वह उर्दू है जबकि उस समय लाहौर में पंजाबी का दबदबा था और लाहौर की हीरामंडी में भी पंजाबी का ही बोलबाला था. हम्द नवाज नाम की सोशल मीडिया आईडी से तो इसका जो विश्लेषण किया गया है वह कमााल का है और इसमें कहा गयाय है कि भंसाली लाहौर की हीरामंडी बताने की कोशिश करते हैं और हमें आगरा ले आते हैं. यहां तक कि इसके गानों को लेकर भी कहा गया है कि जिस तरह के गाने इसमें रखे गए हैं वे सूफियाना कस्टर्ड की तरह हैं जबकि 1940 के उस दशक में कई फिल्मों में हीरामंडी से कलाकारों को मौका मिला और यह संगीत या गाने उसके आसपास के भी नहीं हैं. यह भी कहा गया है कि स्वतंत्रता की लड़ाई के उस दौर का चित्रण ठीक से नहीं हुआ है और तो और इसमें इस्तेमाल किए गए कपड़े भी उस समय के फैशन से मेल नहीं खाते. इन सब बातों को छोटे से वाक्य में ढालते हुए एक यूजर ने लिखा है कि 1940 का लाहौर बताते में भंसाली ने आगरा का लैंडस्केप, लखनवी ड्रेसेस और दिल्ली की उर्दू का घालमेल कर दिया है. भंसाली ने इसमें मनीषा कोइराला, सोनाक्षी सिन्हा, अदिति राव हैदरी, रिचा चड्‌ढा संजीदा शेख और शर्मिन सीगल जैसे कलाकारों को लिया है लेकिन अधिकतर क्रिटिक्स का कहना है कि इनमें से कोई भी रोल में पूरी तरह फिट नहीं है और संवाद बोलने में भी आ रही मुश्कल साफ नजर आ रही है.