INDI गठबंधन को ममता ने कहा पश्चिम बंगाल में कांग्रेस नहीं चाहिए
INDI में अब क्या बचा है, दिल्ली नतीजों के बाद टूट तेज
दिल्ली के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने जिस तरह एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी ही नहीं की बल्कि एक दूसरे को चुनाव हरवाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी उससे सवाल यही उठ रहे हैं कि आखिर इंडी गठबंधन में अब बचा क्या है और इसी बीच ममता बनर्जी ने अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को लेकर कह दिया है कि राज्य में कांग्रेस का कुछ भी नहीं है इसलिए तृणमूल इंडी के साथ नहीं बल्कि अकेले ही चुनाव लड़ेगी. यानी इंडी गठबंधन के दो बड़ सहयोगी आप और तृणमूल तो अब सीधी लड़ाई पर ही हैं और बाकी के बचे दलों में अधिकतर कांग्रेस की उस मांग से सहमत नहीं हैं कि इंडी का मुखिया राहुल गांधी को मान लिया जाए.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद एक बार फिर इंडी गठबंधन की एकजुटता खतरे में दिख रही है. ममता बनर्जी ने साफ कहा है कि वे 2026 में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेंगी और शिवसेना उद्धव गुट ने ममता की इस बात से समर्थन भी जता दिया है. हालांकि उद्धव गुट ने यह भी कहा है कि कांग्रेस इंडी का सबसे बड़ा दल है इसलिए कोई भी बड़ा निर्णय लेने से पहले कांग्रेस से बात की जानी चाहिए और यह बात तब कही गई है जब सभी को पता है कि ममता बनर्जी जो छान लेती हैं वह तो करके ही रहती हैं, ऐसे में पश्चिम बंगाल जैसे राज्य के लिए यदि वो कह रही हैं कि कांग्रेस का यहां कुछ नहीं है तो निश्चित ही वो कुछ नहीं देने वाली हैं.