July 22, 2025
देश दुनिया

Reporters Collective की हरकतों पर अब पड़ी सरकार की नजर

सोरोस और फोर्ड फाउंडेशन जैसों से पैसा लेकर भी खुद को गरीब बता रही संस्था

भारत की छवि खराब करने के उद्देश्य से काम कर रही और सोरोस जैसों से पैसा लेकर चलने वाले फेक न्यूज पैडलर ग्रुप ‘रिपोर्टर्स कलेक्टिव’ से सरकार ने नॉन प्रॉफिट वाला 2021 में दिया गया दर्जा छीन लिया है. रिपोर्टर्स कलेक्टिव ने खुद अपने सोशल मीडिया पर अपना नॉन प्रॉफिट ट्रस्ट का दर्जा वापस लेने की जानकारी दी है. इस ग्रुप ने झूठी रिपोर्ट में सरकार के गरीबी दर वाले आंकड़ों को झूठा बताया है. ग्रुप का कहना है कि पत्रकारिता से हमें कोई मुनाफा नहीं है ऐसे में इसका नॉन प्रॉफिट दर्जा हटाया जाना गलत है. उसका दावा है कि अब उसे पत्रकारिता में कठिनाई आएगी. हालांकि इस ग्रुप ने यह नहीं बताया कि वह देश विरोधी कई संस्थाओं और डीप स्टेट वालों से पैसा लेकर भी इतनी गरीबी क्यों बता रही है. ग्रुप ने फैसले के खिलाफ कानूनी कदम उठाने की भी बात कही है.
रिपोर्टर्स कलेक्टिव के दानदाताओं की सूची देखें तो पता चलता है कि उसे भारत के खिलाफ काम करने वाले संस्थाओं और NGO से ही सबसे ज्यादा फंडिंग मिलती हैं. यह ग्रुप नेशनल फ़ाउंडेशन फ़ॉर इंडिया नाम का एनजीओ भी चलाता है जो इसी तरह की गतिविधियों में लिप्त है. फ़ोर्ड फ़ाउंडेशन, ओपन सोसाइटी और रॉकफ़ेलर फ़ाउंडेशन जैसों से फ़ंड लेने वाले इस ग्रुप ने कई बार भारत की छवि खराब करने वाली रिपोर्ट पूरी दुनिया में फैलाने में भूमिका निभाई है. नॉन प्रॉफिट दर्जा हटते ही रिपोटर्स कलेक्टिव ने खुद की गरीबी की कहानियां लोगों को सुना कर उनसे पैसा मांगना शुरु कर दिया है और इस बारे में जारी विज्ञापन में कहा गया है कि हमारे पास अपने कर्मचारियोंको देने तक के लिए पैसा नहीं है.’