July 17, 2025
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Sustainable Week में सोलर थर्मल कुकिंग पर व्याख्यान

“सोलर थर्मल टेक्नोलॉजी से ग्रामीण भारत का सस्टेनेबल डेवलपमेंट”

जिम्मी मगिलिगन मेमोरियल सस्टेनेबल सप्ताह के तहत ग्राम पिवड़ाय में मानव चेतना विकास केंद्र पर “सोलर थर्मल टेक्नोलॉजी से ग्रामीण भारत का सस्टेनेबल डेवलपमेंट” पर चर्चा में गुजरात से आए घनश्याम लुखी और जनक पलटा ने उद्बोधन दियय. मानव चेतना विकास केंद्र के संस्थापक श्री अजय दायमा ने आगंतुकों का स्वागत किया. डॉ अभय वांनखेड़े ने केंद्र का परिचय दिया. मुख्य वक्ता बतौर बोलते हुए समाजिक कार्यकर्ता जनक पलटा ने महिला सशक्तिकरण के अपने अनुभव के आधार पर कहा कि हम प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन कर रहे हैं जबकि हमें सोलर थर्मल कुकिंग सिस्टम्स के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए क्योंकि संसाधनों का सदुपयोग करते हुए जीना ही विकल्प है. उन्होंने बताया कि वे अब तक 1000 सोलर कुकर वितरित कर चुकी हैं जिसमें 90 प्रतिशत ऐसे लोगों की मदद से उपलब्ध कराएए गए जो पर्यावरण बचाने में अपना योगदान देना चहते हैं. जिन्हें ये कुकर मिले उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थित के साथ उनका मनोबल भी बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि पिछले 13 साल में जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर हजारों युवा सोलर कुकर व सोलर कुकिंग सीख के बारे में निशुल्क सीख चुके हैं. भारत को 2030 तक सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सोलर थर्मल तकनीकों को तेजी से बढ़ाना होगा. सूरत से आये सोलर फूड प्रोसेसिंग की पहली बड़ी यूनिट लगाने वाले श्री घनश्याम लुखी ने कहा कि मेरा उद्देश्य बड़ी संख्या में ग्रामीणो का आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देना था. आज उनकी कंपनी 40 सोलर कंसन्ट्रेटर डिशेस के व्यंजन सौर ऊर्जा के व्यावसायिक उपयोग से बना रही है. उन्होंने कहा कि विचार जब कार्यरुप में बदल जाते हैं तो हम संतोष के साथ सफलता का आनंद ले सकते हैं. उन्होंने अपनी कंपनी की सक्सेस स्टोरी भी सुनाई कि कैसे वह एक छोटे से गृह उद्योग से लेकर आज शेयर बाजार में शामिल पब्लिक लिस्टेड कंपनी बन गई है और प्रोसेस्ड फूड की 20 देशों में निर्यातक है. कार्यक्रम के अंत में आभा पलटा तिवारी ने मानव चेतना विकास केंद्र, घनश्याम लुखी और जनक पलटा मगिलिगन का आभार प्रकट किया.