April 19, 2025
लाइफस्टाइल

उज्जैन का अनूठा राम जनार्दन मंदिर

वनगमन के बाद का स्वरूप लिए हुए है मंदिर, दीवारों पर भित्तिचित्र भी इसी संदर्भ के

उज्जैन को यूं तो महाकाल सरकार की वजह से ही सबसे बड़ी पहचान मिली है लेकिन इस ऐतिहासिक नगरी में कई अन्य दिव्य स्थान भी हैं जिनमें श्रीराम से जुड़ा एक अनूठा मंदिर श्रीराम जनार्दन मंदिर भी है. यहां पर श्रीराम की जो दिव्य मूर्ति विराजित है वह अति प्रचाीन है और इस मूर्ति की विशेषता यह है कि इसमें श्रीराम के वनगमन के बाद का स्वरूप दिखता है.

ऐसा मानना है कि भगवान श्रीराम इस स्थान पर वन गमन के दौरान जिस रास्ते से होकर गुजरे थे, यह स्थान उन्हीं में से एक है और इसीलिए यहां वनवासी राम का पूजन होता है, मूर्ति पर श्रीराम की ऐसी मूर्ति है जिसमें वे मूंछों के साथ नजर आते हैं, इस मूर्ति की एक अन्य विशेषता यह है कि इसमें श्रीराम का एक पैर इस तरह ही बना है मानो वे चलन मुद्रा में हों. श्रीराम के साथ माता सीता की भी प्रतिमा अलौकिक प्रतिमा है. इसी मंदिर परिसर में जो दूसरा ख्यात मंदिर है वह विष्णु जनार्दन मंदिर, जहां विराट रूप में भगवान श्री विष्णु नारायण की आकर्षक एवं प्राचीनतम प्रतिमा है. इस प्रतिमा में श्रीहरि गरुड़ जी पर विराजित हैं एवं गरुड़ जी सर्प के ऊपर विराजित हैं और श्रीहरि के श्री चरणों में माता लक्ष्मी का वास है. यह एक मराठाकालीन देवस्थान है. मंदिर की देखरेख एवं पूजापाठ का कार्य वंशानुगत तरीके से देखते आ रहे पुजारी पंडित विनोद जोशी ने बताया कि श्री रामनवमी के महापर्व पर यहां विशेष आयोजन किए जाते हैं और इसकी प्रसिद्धि देश विदेश में है.