113 पद्मश्री, 19 पद्मभूषण और सात पद्म विभूषण की घोषणा
राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित भी किया और इन पुरस्कारों का ऐलान भी किया
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा करते हुए राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 हस्तियों को पद्मश्री से सम्मानित किए जाने वाले नामों का एलान किया. इस तरह पद्म पुरस्कार पाने वालों की संख्या 139 होगी. 23 महिलाओं और 10 विदेशी व्यक्तियों सहित 13 को मरणोपरांत यह पुरस्कार देने की घोषणा की गई है. इसमें भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा (मरणोपरांत), जस्टिस जगदीश सिंह खेहर और सुजुकी कंपनी के ओसामु सुजुकी, बिबेक देबरॉय, सुशील मोदी और मनोहर जोशी शामिल हैं. पद्म विभूषण के लिए दुव्वुर नागेश्वर रेड्डी, कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया व लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम, एमटी वासुदेवन नायर के नाम शामिल किए गए हैं. ए सूर्य प्रकाश, रामबहादुर राय, अनंत नाग व जतिन गोस्वामी, नंदमुरी बालकृष्ण, पंकज उधास (मरणोपरांत), एस अजित कुमार, शेखर कपूर, शोभना चंद्रकुमार (कला), जोस चाको पेरियाप्पुरम (मेडिसिन), कैलाश नाथ दीक्षित (पुरातत्व), नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी, पंकज पटेल (कारोबार एवं उद्योग), पीआर श्रीजेश (खेल), साध्वी ऋतंभरा (सामाजिक कार्य), विनोद धाम को पद्मभूषण दिए जाने की घोषणा की गई है. गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए लीबिया लोबो सरदेसाई, ढाक वादक गोकुल चंद्र डे, महिलाओं के लिए उत्कृष्ट कार्य के लिए शैली होलकर को भी चुना गया है, बतूल बेगम, डॉ. नीरजा भटला, हरिमन शर्मा, भीम सिंह भावेश के अलावा कुवैत के योग टीचर शेख एजे अल सबा और ब्राजील के वेदांत गुरु जोनास मैसेट भी पद्मश्री से सम्मानित होंगे.
पीएम मोदी ने पुरस्कार के नाम सामने आने के बाद सभी नामितों को बधाई देते हुए कहा है कि पद्म पुरस्कारों के एलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सम्मानित लोगों को बधाई दी है. उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘सभी पद्म पुरस्कार विजेताओं को बधाई! भारत को उनकी असाधारण उपलब्धियों का सम्मान करने और उनका जश्न मनाने पर गर्व है. उनका समर्पण और दृढ़ता वास्तव में प्रेरणादायक है. प्रत्येक पुरस्कार विजेता कड़ी मेहनत, जुनून और नवाचार का पर्याय है, जिसने अनगिनत जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है. वे हमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और निस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करने का मूल्य सिखाते हैं.’