Solar Food Festival में बनी बीस से ज्यादा डिशेज
गिरिदर्शन सनावदिया में सालाना होने वाला सप्तरह भर का सोलर फूड फेस्टिवल आरंभ हुआ. जहां कई तरह की डिशेज सोलर पर ही बनाई गईं और इस कुकिंग में मुख्य अतिथि बतौर आए सोलर इंजीरनियर अजय चांडक ने तो खुद के ही डिजाइन किए सोलर कुकर पर गुजराती डिश उंधियूं बनाई. श्री जिम्मी मगिलिगन की 13 वीं पुन्यतिथि पर सस्टेनेबल डेवलपमेंट को लेकर सप्ताह भर चलने वाले कार्यक्रमों में पहले दिन सामूहिक सोलर फ़ूड फेस्टिवल रखा गया जिसमें जनक पलटा मगिलिगन के निर्देशन में कुकिंग, फ्राइंग और ऑर्गेनिक सोलर ड्रिंक्स बनाए गए. सोलर इंजीनियर सुस्मिता भट्टाचार्यजी ने ड्राईफ्रूट वाला वेज-पुलाव और गुड नारियल के लड्डू बनाए वहीं महू से पधारे कर्नल अनुराग शुक्ला व अर्चना शुक्ला ने फरियाली व्यंजन मोरधन की खीर बनाई. सुरेका सोनवाने की साबूदाने की खिचड़ी, नंदा और राजेंदर के बनाए मीठे चावल, योगेंदर केम्प के बनाए रस्म-चावल , रौशनी और सोना के रस्म और खीर भारती बत्रा की मूंगफली चाट काफी पसंद किए जाने व्यजंन रहे. निक्की सुरेका और गोविन्द माहेश्वरी ने शुद्ध छाछ उपलब्ध कराकर जायका और बढ़ा दिया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अजय चंडक ने सबसे पहले अपने सोलर मित्र जिम्मी को भावपूर्ण तरीके से याद किया. उन्होंने सस्टेनेबल फ़ूड प्रोसेसिंग में सोलर कुकर्स और सोलर एनर्जी का महत्व बताया. उनका बनाया हुआ प्रिंस नाम का सोलर कुकर भारत के अलावा अफ्रीका और ब्रिटेन में भी इस्तेमाल किए जा रहे हैं. नंदा चौहान ने सोलर कुकिंग के अपने अनुभव सुनाये. रोटरेक्ट अक्षत बिडला ने कहा कि सोलर कुकिंग से बना खाना स्वच्छ और स्वस्थ है और इसका सामाजिक पक्ष यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन को गहरे तक प्रभावित किया है. कार्यक्रम में डॉ दिलीप वाघेला, चंचल कौर, गुरुबक्स के साथ DAVV के सोशल साइंस के निलेश चौहान, पूजा, प्राची, अनुराग ,रक्षा ,सृष्टि और सलोनि ने सोलर फ़ूड में कई पकवान बनाए. कस्तूरबा ग्राम की प्रिंसिपल डॉ रिषिना नातू ने भी सोलर कुकिंग में हाथ आजमाए. जिम्मी एंड जनक फाउंडेशन फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के ट्रस्टी विरेंदर गोयल जी ने सभी को आभार दिया.