Rajyasabha सभापति के खिलाफ अविश्वास का नोटिस अस्वीकार
साठ सांसदों ने कहा था कि उपराष्ट्रपति का रवैया पक्षपात वाला
राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ विपक्ष जो अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लाया था वह खारिज हो गया है. विपक्षी दलों ने उपराष्ट्रपति धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए अनुच्छेद 67बी के तहत नोटिस दिया था. नोटिस राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी को दिया गया था. यह अपनी तरह का पहला मामला है जहां अब तक एक भी राज्यसभा सभापति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव नहीं आया था.
नोटिस के खारिज होने के कारणों में एक यह भी है कि अविश्वास प्रस्ताव के लिए कम से कम 14 दिन पहले नोटिस देना होता है, जबकि यह सत्र तब तक चलना ही नहीं है. धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण व्यवहार का आरोप लगाते हुए विपक्ष के 60 सांसदों ने हस्ताक्षर किए थे. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने नोटिस को खारिज करते हुए कहा है कि विपक्ष का महाभियोग नोटिस तथ्यों से परे है, जिसका उद्देश्य प्रचार हासिल करना है. हद तो यह है कि विपक्ष ने जो नोटिस दिया उसमें उपराष्ट्रपति का नाम तक सही नहीं लिखा गया. हरिवंश की ओर से कहा गया कि इस नोटिस से उपराष्ट्रपति जैसे उच्च संवैधानिक पद का अपमान करना चाहता है. उन्होंने नोटिस को अनुचित, त्रुटिपूर्ण और धनखड़ की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए जल्दबाजी में लाया गया बताया है.